इस समय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का प्रभार तिसरी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ महेश्वरम को दिया गया है. इसके अलावा केंद्र में एक और चिकित्सक डॉ नवीन कुमार हैं. केंद्र में एक भी महिला चिकित्सक नहीं हैं. चिकित्सकों के अभाव में लोगों को भटकना पड़ रहा है. सुदूर क्षेत्रों से लोग इलाज के लिए मुख्यालय पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें बेहतर चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल पाती है. पूर्व में उक्त केंद्र को कायाकल्प अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था,ले किन वर्तमान में चिकित्सकों व कर्मियों के अभाव में केंद्र की स्थिति बद से बदतर हो गयी है. वर्तमान में यह केंद्र दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मरहम पट्टी करने तक ही सीमित होकर रह गया है. लोग छोटी बीमारी के इलाज के लिए भी राजधनवार, गिरिडीह, झुमरी तिलैया या नवादा जाते हैं. जिला मुख्यालय से गावां की दूरी लगभग 90 किमी है. इसके कारण लोग गिरिडीह जाने से हिचकिचाते हैं. ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर हैं. ऐसे डॉक्टरों से इलाज के दौरान कई लोगों की मौत हो चुकी है.
बेहतर सेवा देने का किया जा रहा है प्रयास : प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी :
गावां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ महेश्वरम ने कहा कि चिकित्सकों की कमी के कारण परेशानी होती है. इसके बावजूद उपलब्ध कर्मियों व संसाधनों से बेहतर सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है. चिकित्सकों की कमी की सूचना विभाग को दी गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

