स्थानीय युवक को मोहरा बना कर मधु के नाम पर बेच रहे थे चीनी की चाशनी
चंद्रमारणी के पहरिया टोला में पेड़ पर मधुमक्खी का छत्ता होने की बात जानकर ये चारों युवक वहां गये और चीनी की चासनी को बाल्टी में पहले रखे मधुमक्खी के छत्ता में डालकर मधु में तब्दील कर दिया और बेचने के लिए गांव में निकल पड़े. तभी दूर से ही इन सारे खेल को देख रहे स्थानीय युवाओं ने इन्हें धर दबोचा. पकड़े गये गिरोह के सदस्यों ने मिलावटी मधु बनाने की सारी प्रक्रिया ग्रामीणों को बतायी. चारों युवक बिहार के दरभंगा एवं समस्तीपुर के रहनेवाले हैं, जो घूम-घूमकर विभिन्न गांवों में चीनी की चाशनी को ओरिजिनल मधु कहकर बेचते हैं. ग्रामीणों ने हिदायत देकर उन्हें छोड़ा कि अब वे इस इलाके में यह धंधा नहीं करेंगे.छत्ता से मधु निकालने का रचते हैं ढोंग
स्थानीय लोगों के अनुसार इन सभी ने एक ग्रामीण से बाल्टी मंगा कर किसी पेड़ से मधु निकालने का ढोंग रचा. उक्त स्थल पर पहले से चीनी की चाशनी छुपाकर रखी थी. स्थानीय व्यक्तियों को उक्त स्थल पर नहीं ले जाया गया और उन्हें बोला की वहां जाने पर मधुमक्खी काट लेगी. वे लोग पेड़ पर लगे छत्ता से मधु निकाल कर आ रहे हैं.
300 से 600 रुपये किलो बेचते हैं मिलावटी मधु
बताते चलें कि गुरुवार को भी एक स्थानीय युवक को मोहरा बनाकर शुद्ध मधु के नाम पर काफी लोगों से ठगी की गयी थी. गिरोह 300 से लेकर 600 रुपये प्रति किलो बेच रहे थे. स्थानीय युवक से मांगी गयी बाल्टी में मरी हुई मधुमक्खी व उसके छत्ते को वे डुबोकर रखते हैं, ताकि लोगों को शंका ना हो कि यह मधु नहीं है. स्थानीय युवक से बोलने के लिए कहा जाता है कि मेरे सामने यह शहद पेड़ से अभी उतरा है, ताकि लोगों को भरोसा हो सके कि यह ओरिजिनल शहद है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

