हाथियों के गांव में प्रवेश होने की जानकारी मिलने पर स्थानीय लोग जमा हुये. मशाल जलाकर हाथियों को भगाने का प्रयास किया जाने लगा, लेकिन हाथियों का झुंड टस से मस नहीं हुआ. हाथी आने की सूचना वन विभाग को दी गयी. सूचना मिलते ही वन परिसर पदाधिकारी अंशु कुमार पांडेय सदल-बल पहुंचे. सायरन बजाकर हाथियों को भागने का प्रयास किया गया. काफी मशक्कत के बाद शुक्रवार की सुबह लगभग 4:30 बजे हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा गया. इस बीच हाथियों ने गांव के खेमन महतो के घर को आंशिक नुकसान पहुंचाया. किसानों की चहारदीवारी तोड़कर खलिहान में रखे धान चट कर गये.
मुआवजा के लिए आवेदन दें : वन परिसर अधिकारी
वन परिसर पदाधिकारी अंशु कुमार ने भुक्तभोगियों को सलाह दिया है कि वह हाथियों द्वारा पहुंच गये नुकसान की भरपाई के लिए वन विभाग को आवेदन दें. विधि सम्मत उन्हें मुआवजा दिलाया जायेगा. उन्होंने बताया कि झुंड से बिछड़े हुए चार हाथी फिलहाल चौधरीडीह तथा चंद्रमारणी के सीमावर्ती जंगल में विचरण कर रहा है. स्थानीय लोगों को सलाह दी गयी है कि वह अकेले जंगल में न जायें. जंगली पशुओं से सावधान रहें, उनसे छेड़छाड़ नहीं करें. वन विभाग हाथियों को अपने सीमा क्षेत्र से बाहर करने के लिए लगातार प्रयास रहता है. बता दें कि इस समय प्रतिवर्ष हाथियों का झुंड क्षेत्र में पहुंचकर किसानों को क्षति पहुंचाता है. इसके स्थायी समाधान की मांग लगातार ग्रामीण कर रहें हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल शुरू नहीं की गयी है.
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