डीएसपी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी में गिरफ्तार अपराधियों में जामताड़ा और गिरिडीह के अलावा बिहार के शेखपुरा और नालंदा जिले के अपराधी शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक ये सभी लंबे समय से बैंकिंग फ्रॉड और फोन कॉल के जरिये लोगों से ठगी कर रहे थे. गिरफ्तार अपराधियों में विजय मंडलसियाटांड़, थाना करमाटांड़, जामताड़ा, अर्जुन मंडल मोहनपुर, थाना नारायणपुर, आदित्य राज उर्फ ओम, किसनपुर, थाना बरबीघा, शेखपुरा (बिहार), गजेंद्र कुमार,बलवापर, थाना सारे, नालंदा (बिहार), रवि कुमार निवासी बलवापर, थाना सारे, नालंदा (बिहार) शामिल हैं. इनके पास से एक एसयूवी भी जब्त किया गया है, जिसमें ये आरोपी सवार थे. पुलिस का अनुमान है कि यह वाहन ठगी के पैसों की आवाजाही और नेटवर्क के विभिन्न स्थानों तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था.
शॉपिंग कर स्कॉर्पियो से लौट रहे थे जामताड़ा
शुक्रवार की दोपहर गिरिडीह साइबर पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि कुछ शातिर साइबर अपराधी पटना से जामताड़ा की ओर लौट रहे हैं. सूचना में यह भी बताया गया था कि आरोपी गांडेय मार्ग से गुजरेंगे. तत्परता दिखाते हुए साइबर पुलिस ने तुरंत गांडेय थाना पुलिस को अलर्ट किया. इसके बाद गांडेय थाना की टीम वाहनों की गहन जांच में जुट गयी. इसी दौरान एक एसयूवी दिखा. पुलिस टीम को तैनात देख वाहन मोड़ने और भागने की कोशिश की. लेकिन, पहले से सतर्क पुलिस ने घेराबंदी करते हुए कुछ ही मिनटों में एसयूवी को रोक लिया. वाहन में चह युवक सवार थे. इसमें से एक फरार हो गया. पूछताछ में शुरू में सभी ने गोलमोल जवाब दिया, लेकिन कड़ाई से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वे पटना से शॉपिंग कर जामताड़ा लौटने का बत कही. शक होने पर तलाशी ली गयी. जांच में मोबाइल, सिम कार्ड और दस्तावेज मिले जिनसे साइबर गतिविधियों में शामिल होने के संकेत मिले. इसके बाद गांडेय पुलिस ने पाचों साइबर थाना गिरिडीह को सौंपा दिया.
फरार आरोपी निर्मल मंडल है मास्टरमाइंड
एसयूवी में सवार आरोपी निर्मल मंडल पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. वही वाहन चला रहा था. पुलिस को देखते ही गाड़ी की चाबी निकालकर भाग गया. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार निर्मल गिरिडीह-जामताड़ा साइबर नेटवर्क का तकनीकी मास्टरमाइंड माना जाता है. वह गांडेय थाना क्षेत्र के रकसकुट्टो का का रहने वाला है. पुलिस सूत्र बताते हैं कि निर्मल को एपीके फाइल, फेक ऐप मॉडिफिकेशन, मालवेयर लिंक, बैंकिंग एप्लिकेशन क्लोनिंग में मास्टर है. वह बड़े साइबर गैंगों के लिए तकनीकी सेटअप तैयार करता रहा है. निर्मल पहले भी कई ठगी मामलों में पकड़ा जा चुका है और जेल भी गयी है. लेकिन, जेल से छूटने के बाद उसने फिर से साइबर क्राइम में जुट जाता है. उसने एक अलग रैकेट तैयार कर लिया. पुलिस के मुताबिक निर्मल की जीवनशैली भी उसके अपराध से कमाये गये पैसों को दर्शाती है. उसका एक पक्का घर गांडेय में, दूसरा घर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिहोडीह में और तीसरा एक अन्य जगह पर होने की जानकारी मिली है. इन सभी ठिकानों पर पुलिस की अलग-अलग टीमें छापेमारी कर रही है.लाखों रुपये मिलने की चर्चा का डीएसपी ने किया खंडन
पांच अपराधियों के पकड़े जाने के बाद लाखों रुपये मिलने की चर्चा होने लगी. चर्चा थी कि आरोपी पटना में शॉपिंग कर लौटते समय साथ ले जा रहे थे. कुछ लोगों ने दावा किया कि मोबाइल और बैंक खातों के साथ-साथ नकदी भी पुलिस के हाथ लगी है. इस संबंध में साइबर डीएसपी आबिद खान ने कहा कि पुलिस को नकद हाथ नहीं लगा है. बरामदगी से जुड़ी जो भी जानकारी फैलाई जा रही है, वह अफवाह है. अपराधीों के पास से मोबाइल, सिम कार्ड और बैंकिंग दस्तावेज मिले हैं, लेकिन नकद बरामदगी की बात सही नहीं है.महंगे मोबाइल और कीमती गहनों पर उड़ाते थे पैसे
साइबर डीएसपी आबिद खान ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों की लाइफस्टाइल उनके अवैध कमाई के तरीकों को साफ जाहिर करती है. ठगी से मिलने वाला पैसा सभी सबसे पहले महंगे मोबाइल फोन खरीदने में खर्च करते थे. पुलिस जांच में यह बात सामने आयी है कि ये लोग ना सिर्फ नये-नये मॉडल के स्मार्टफोन लेते थे, बल्कि अपने काम के लिए एक साथ कई फोन रखते थे, ताकि ठगी के दौरान नंबर बदलते रहें और खुद को ट्रेस होने से बचा सकें. इसी तरह, ठगी की रकम का एक बड़ा हिस्सा ये आरोपी कीमती सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदारी में लगा देते थे. डीएसपी ने बताया कि आरोपियों की आदत थी कि जैसे ही ठगी से पैसे आते, वे पटना, धनबाद, देवघर या बड़े बाजारों में जाकर गहनों और महंगे सामान की खरीदारी करते थे. कई बार तो आरोपी एक ही दिन में भारी भरकम रकम खर्च कर डालते थे, ताकि उनके पास अवैध नकदी ज्यादा देर तक न रहे और पुलिस की निगाह में भी ना आये.जब्त सामग्री
छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से10 मोबाइल फोन बरामद किये गये. इसमें पांच आइफोन हैं. इसके अलावा 14 सिम कार्ड मिले हैं, जिनका इस्तेमाल आरोपी ठगी के दौरान लगातार नंबर बदलने में करते थे. पुलिस ने आरोपियों के द्वारा उपयोग की जा रही एक सफेद रंग का एसयूवी भी जब्त किया गया है.छापेमारी में ये थे शामिल :
टीम में साइबर डीएसपी के अलावा साइबर थाना प्रभारी रामेश्वर भगत, गांडेय थाना प्रभारी आनंद प्रकाश सिंह, एएसआई गजेंद्र कुमार साथ जवान शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

