गोदाम में जाली की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण कबूतर और चूहे काफी संख्या में हैं. कबूतर बोरे पर बैठकर अनाज चुगते पाये गये. कबूतर के बीट से खराब हो रहे अनाज को वितरण के लिए भेजा जाना लापरवाही है. बताया कि यहां पर लाइट का भी प्रबंध नहीं किया गया है. जैसे-तैसे गोदाम का संचालन किया जा रहा है. कहा कि सरकार गरीबों के लिए अनाज की व्यवस्था कर रही है, लेकिन सड़ा गला अनाज वितरण होने से गरीबों के स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ सकता है. उन्होने गोदाम प्रबंधक पवन वर्मा से इस संबंध में पूछताछ की. बताया कि यहां पर रात में सुरक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं है. जाली और स्प्रे की भी व्यवस्था नहीं होने के कारण कबूतर और चूहे अनाज की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं. गोदाम प्रबंधक ने ने दो दिनों के भीतर व्यवस्था को सुदृढ़ करने का भरोसा दिया. हालांकि, जांच में आये अधिकारी ने तत्काल शो-कॉज करने की बात कही. इधर, टीम के आने की भनक लगने के बाद गोदाम की व्यवस्था को दुरूस्त करने में कर्मी जुट गये. वजन मशीन से लेकर सीसीटीवी कैमरे की भी व्यवस्था की गयी.
अनाज उठाव के लिए नहीं पहुंचे डीलर
रविवार को भी अनाज का उठाव करने आनेवाले डीलरों में गुरुवार को यहां नहीं पहुंचे. इससे यहां की व्यवस्था का सहज अनुमान लगाया जा सकता है. जानकारों के मुताबिक यहां किसी भी डीलर को वजन कराकर अनाज नहीं दिया जाता है. इसके कारण डीलर प्रति कार्डधारी दो किलो अनाज की कटौती करते हैं. कार्डधारियों को हो रही समस्या पर अब तक किसी अधिकारी का ध्यान नहीं गया है. इधर, जांच टीम के आने के बाद जिस तरह से यहां व्यवस्था की गयी, उसके अनुपालन की मांग भी उठने लगी है. टीम में दीपक भारद्वाज सहित जिला स्तरीय कई अधिकारी भी थे.
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