घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने ग्रामीणों संग बेंगाबाद-चतरो मुख्य मार्ग को बेहराडीह के पास जाम कर दिया. वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मृतक के पुत्र को 25 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किया. साथ ही चार लाख की राशि आवश्यक कागजी कार्यवाही के बाद देने की बात कही. इसके बाद सड़क जाम हटा.
कैसे हुई घटना
सूत्रों के अनुसार 32 हाथियों के झुंड को वन विभाग के द्वारा नवडीहा-बन बिशनपुरा के रास्ते तीन-चार दिनों पूर्व बिहार के बॉर्डर पर छोड़ा गया था. उसी झुंड से दो हाथी सुरांगी अकेसिया जंगल में बिछड़कर रह गये. उसमें से एक हाथी के पैर में जख्म होने की बात कही जा रही है. शनिवार को किसान अपने धान के खेत में काम कर रहा था. उसी दौरान कुछ बच्चों द्वारा हाथियों पर पत्थर चलाने की बात कही जा रही है. मौके पर से बच्चे तो भाग गए. किसान हाथी की चपेट में आ गए और गजराज ने उन्हें पटक कर मार डाला. उनका एक पैर टूट गया और छाती पर गहरा जख्म होने से उन्होंने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया. हाथियों के वहां से हटने के बाद परिजनों द्वारा तुरंत स्थानीय डॉक्टरों से उनका इलाज कराने की कोशिश की गयी. स्थानीय डॉक्टरों द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद परिजन चीत्कार करने लगे. मृतक अपने पीछे तीन पुत्रों को छोड़ गये हैं.
बेंगाबाद-चतरो मार्ग पर लगी वाहनों की लंबी कतार, जाम में फंसे रहे स्कूली बच्चे
हाथी के हमले में किसान की मौत के खिलाफ सड़क जाम से बेंगाबाद-चतरो मार्ग पर लंबा जाम लग गया. घटना के बाद परिजनों द्वारा शव को बेंगाबाद-चतरो मुख्य मार्ग के बेहराडीह के पास रखकर सड़क जाम कर दिया गया. इससे सड़क के दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की लंबी कतार लग गई. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली वाहनों को हुई. दो घंटे से अधिक समय तक सड़क जाम रहा. स्कली बच्चे खासे परेशान रहे. इस दौरान नवडीहा ओपी पुलिस तटस्थ रही.वन विभाग की लापरवाही आई सामने:
घटना के पीछे ग्रामीणों ने वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया है. कहा है कि दो हाथी सुरांगी जंगल में बिछड़ कर रह गये हैं. इसकी सूचना कई लोगों द्वारा विभाग को दी गई, परंतु विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. आज एक की जान चली गई. तब जाकर विभाग की निद्रा भंग हुई.मृतक के साथ घायलों को भी मिलेगा मुआवजा
मौके पर पहुंचे फॉरेस्टर संजय कुमार ने कहा कि हाथियों के झुंड से दो हाथियों के बिछड़कर सुरांगी अकेसिया जंगल में रहने की सूचना पर वे लोग आ ही रहे थे, कि तब तक घटना घट गयी. तत्काल पच्चीस हजार रुपए मृतक के बेटे के खाते में ऑनलाइन हस्तांतरित कर दिया गया है. बाकी के चार लाख आवश्यक कानूनी कार्रवाई के बाद यथाशीघ्र देने की कोशिश करेंगे. घायलों को भी मुआवजा देने का प्रावधान है. घायल आवेदन करें, उन्हें भी मुआवजा मिलेगा. बताते चलें कि रात्रि में हाथियों को वन विभाग की टीम दूसरे जगह लेकर चली गई. इस दौरान प्रभारी वनपाल, संजय कुमार संत, सानिश कुमार, किशन कुमार, कौशलेंद्र कुमार, ब्रजेश राय, अमित ठाकुर, संतोष सहित कई वनकर्मी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

