एकल अभियान के राष्ट्रीय अभियान प्रमुख डॉ ललन शर्मा ने कहा कि देश का विकास तभी संभव होगा जब गांव सशक्त और समृद्ध बनेंगे. गांवों में यह बदलाव शिक्षा की बेहतरी से ही आयेगी. वे मंगलवार को ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र खंडोली में आयोजित सात दिवसीय प्रभाग ने पुण्य वर्ग के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे.
36 सालों में 60 गांवों से पहुंची एक लाख के पार :
डॉ शर्मा ने कहा कि एकल अभियान की शुरुआत 1989 में धनबाद के टुंडी प्रखंड के रतनपुर गांव से हुई. प्रारंभ में 60 ग्राम शिक्षा मंदिरों की बुनियाद रखी गयी और आज देश भर में एकल विद्यालयों की संख्या एक लाख तक पहुंच गयी. सिर्फ झारखंड-बिहार में इसकी संख्या 13 हजार पहुंच गयी है. इन केंद्रों में समग्र ग्राम विकास की परिकल्पना के आधार शिक्षा, आरोग्य ग्राम विकास, जागरण व संस्कार की पंचमुखी शिक्षा के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम संचालित हैं. गांवों में इसका असर भी दिखने लगा है. बताया प्रशिक्षण में एकल विद्यालय संचालन टीम के 96 कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं. देश भर के विभिन्न स्थानों से यहां लोग पहुंच रहे हैं.समाज विरोधी ताकतों से कराया सचेत :
एकल अभियान के राष्ट्रीय अभियान प्रमुख ने कहा कि समाज विरोधी ताकतें हावी होती जा रही हैं. इन शक्तियों के कुचक्र में लोग अलग प्रांत, जाति, भाषा के नाम पर टूट रहे हैं. दूसरी ओर राष्ट्र विरोधी ताकतें एकजुट हो रही हैं. हमें इसे समझने की जरूरत है. हमारे परंपरागत रोजगार पर कब्जा हो रहा है. गांव से शहर तक नाई, प्लंबर, बढ़ई, इलेक्ट्रीशियन, ब्यूटीशियन, यहां तक की लड़कियों व महिलाओं की टेलरिंग का काम भी एक खास वर्ग के अधीन हो गया है. कहा : इससे बचने के लिए एकल अभियान की ओर से स्किल ट्रेनिंग संचालित की जा रही है. बड़ी संख्या में ग्रामीण युवक-युवतियों को दक्ष किया जा रहा है. मौके पर कंप्यूटर, सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं के बीच प्रमाण पत्र भी वितरित किये गये. मौके पर विनय सिंह, ललन देव, वासुदेव चंद्रवंशी, राधेश्याम शर्मा, पवन कुमार राय, सुनील कुमार, अजीत कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है