जल जीवन मिशन के तहत गांवों में जलमीनार बनवाकर लोगों के घरों तक नल से जल पहुंचाने की योजना की स्थिति खराब है. प्रखंड में कुल 39189 परिवारों को नल से जल पहुंचाया जाना था. वर्ष 2021 में कार्य शुरू किया गया. 2024 के अंत तक सभी घरों में पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन प्रखंड में अभी तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है. इस संबंध में पेयजल व स्वच्छता विभाग के द्वारा उपलब्ध करवाए गये जानकारी के मुताबिक 39189 परिवारों को पानी पहुंचाने का लक्ष्य था. इसके लिए कुल 1240 जलमीनार बनवाया जाना था. लक्ष्य के विरुद्ध हुए कार्य के आधार पर विभाग के द्वारा दावा किया जा रहा है कि अब तक प्रखंड में 26184 परिवार को पाइपलाइन से पानी पहुंचा दिया गया.
617 में 81 बोरिंग धंसीं
जलापूर्ति के लिए 617 स्थान पर बोरिंग करवायी गयी, जिसमें 81 बोरिंग धंस गयी है. अभी 536 बोरिंग से पानी की सप्लाई की जा रही है. हालांकि अब हुये कार्य में कितनी राशि खर्च हुई, इसकी जानकारी विभाग नहीं दे रहा है. पानी पहुंचाने का डेडलाइन समाप्त होने के बाद के बाद विभाग 26184 परिवारों को पानी पहुंचाने का दावा कर कागजी खानापूर्ति कर रहा है. योजना में धरातल की स्थिति विभाग के दावों के विपरीत है. धरातल पर अधिकांश जलमीनार बंद हैं. कहीं बोरिंग धंस जाने, कहीं पाइपलाइन नहीं बिछाये जाने, तो कहीं सोलरप्लेट खराब हो जाने से जलमीनार बंद पड़ा हुआ है. प्रखंड स्तरीय जांच टीम ने कार्य में गड़बड़ी पकड़ी थी.आठ पंचायतों के आंशिक हुए हैं कार्य
देवरी प्रखंड की आठ पंचायतों चिकनाडीह, मानिकबाद, सिकरुडीह, घोसे, बेड़ोडीह, चहाल, चतरो व बांसडीह के एक दो गांवों के आंशिक भाग को छोड़कर अधिकांश गांव में कार्य शुरू नहीं किया गया है. इन पंचायतों में रामसखी कंस्ट्रक्शन को घरों तक पानी पहुंचाने का काम दिया गया है. इस संबंध में पेयजल व स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता त्रिपुरारी कुमार ने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप घरों तक पानी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. वर्तमान समय में फंड के अभाव में काम 25 पंचायतों में योजना बंद है. जिन आठ पंचायतों में काम नहीं हुआ है, वहां फंड प्राप्त होते ही प्राथमिकता के आधार पर काम किया जायेगा.
नदी का पानी पीने को मजबूर हैं लोग
प्रखंड के गुनियाथर पंचायत में कार्य को अधूरा छोड़ दिये जाने की वजह से हथगढ़, मछली व भदार गांव के लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है. हथगढ़ व भदार गांव के लोगों को नदी का पानी पीना पड़ रहा है.
एकमात्र मल्टी विलेज योजना का भी है हाल बुरा
योजना के तहत एकमात्र ढेंगाडीह जलापूर्ति योजना से ढेंगाडीह व मारुडीह पंचायत के गांवों के साथ हरला पंचायत के गरडीह गांव में घर-घर पानी पहुंचाने के लिए 25 लाख लीटर क्षमता की पानी टंकी बनवायी गयी है. यहां गोदावरी नदी में बने इंटकवेल से रानीडीह स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जलशोधन के बाद घरों में पानी पहुंचाया जाना है, लेकिन यहां भी कार्य अधूरा पड़ा हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

