सुबह-शाम जलापूर्ति करने की दिशा में नगर निगम कोई ठोस पहल नहीं कर रहा है. निगम क्षेत्र के कई वार्डों में जलापूर्ति की लचर व्यवस्था है. फिलवक्त दीपावली और महापर्व छठ में दोनों पहर जलापूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग तेज हो गयी है.
तीन प्लांटों से दिया जाता पानी
निगम क्षेत्र में खंडोली, चैताडीह व महादेव तालाब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जलापूर्ति की जाती है. त्योहारों में पानी की खपत ज्यादा होती है, लेकिन उस अनुपात में आपूर्ति नहीं हो पा रही है. बार-बार मांग करने के बाद भी इस दिशा में अपेक्षा के अनुरूप पहल नहीं हो पायी है. सूत्रों के मुताबिक पचंबा, बोड़ो, शास्त्रीनगर, झिंझरी मोहल्ला, कोलडीहा, चेताडीह रोड, बाभनटोली, बरमसिया, करबला रोड आदि इलाकों में पानी की समस्या है. इस इलाके के लोगों के अलावा अन्य मोहल्लों के लोग दोनों पहर पानी की आपूर्ति की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि फिलवक्त एक ही पहर पानी मिल रहा है. ऐसे में जो सक्षम लोग हैं और जिनके घरों में बोरिंग की व्यवस्था है, उन्हें तो कोई परेशानी नहीं होती है. लेकिन, जो लोग सप्लाई की पानी पर निर्भर हैं, उनलोगों को कठिनाई होती है. नगर निगम क्षेत्र के कई मोहल्लों में सुबह के वक्त पानी लेने के लिए नल के सामने कतार लगी रहती है. वहीं, करबला रोड में कई लोग अलसुबह नल के पास पहुंच जाते हैं. यहां पर कतिपय लोगों मनमाने तरीके से चाबी खोलने और बंद करते हैं.
व्यवस्था को दुरूस्त करने में संवेदक विफल
शहरी क्षेत्र की आबादी बढ़ने के अनुरूप संसाधनों को दुरुस्त नहीं किये जाने के कारण शहरी क्षेत्र के कई हिस्सों में प्राय: पेयजल की किल्लत बनी रहती है. वर्ष 2018 में नगर निगम बनने के बाद वार्डों की संख्या 30 से बढ़कर 36 हो गयी है. निगम बनने के बाद आबादी 1.81 लाख हो गयी है. हालांकि, जनगणना के बाद इसमें वृद्धि तय है. आबादी तो बढ़ी, पर जलापूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हो पायी. वर्तमान में श्रीसाईं कंस्ट्रक्शन को 17.25 करोड़ में पांच वर्ष के लिए काम मिला है. लेकिन, संवेदक जलापूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त नहीं कर रहा है. जनता की मांग पर कंपनी चुप्पी साध रखी है. इससे जनता में आक्रोश पनप रहा है. कई लोगों ने राइजिंग पाइप से कनेक्शन ले लिया है. लेकिन, इसके विरुद्ध भी नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
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