खेतको में पीड़िता के घर पहुंचे नागेंद्र महतो, बोले – वन विभाग का कृत्य सरासर गलत व निंदनीय
माले की 12 सदस्यीय टीम खेतको गांव पहुंची, पीड़िता व ग्रामीणों से ली जानकारी
बगोदर थाना क्षेत्र के खेतको में बन रहे सरकारी अबुआ आवास की अर्द्ध निर्मित घर के दीवार को वन विभाग के वनरक्षियों के द्वारा ढहाये जाने का मामला तूल पकड़ लिया है. वन विभाग के द्वारा किये गए इस कार्रवाई के बाद कई राजनीतिक दलों ने खुलकर विरोध जताया है. मामले को लेकर बगोदर विधायक नागेंद्र महतो खेतको स्थित महिला के घर पहुंचे. उन्होंने वन विभाग के इस कृत्य की निंदा की. वहीं हजारीबाग डीएफओ से इसकी जांच कर दोषी पर कार्रवाई की मांग की है. कहा कि यह कार्रवाई वन विभाग के द्वारा बिना नोटिस के किये जाना सरासर गलत है. ऐसे वनरक्षियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
इधर भाकपा माले की 12 सदस्यीय टीम खेतको गांव पहुंची. अखिल भारतीय किसान महासभा के केंद्रीय सदस्य पुरन महतो, माले बगोदर प्रखंड सचिव परमेश्वर महतो शामिल थे. टीम ने वन कर्मियों द्वारा भुक्तभोगी महिला के निर्माणाधीन ढहाए घर का मुआयना किया और आसपास के बुजुर्गों और ग्रामीणों से मामले को लेकर बातचीत की. सबों ने भूमिहीन गरीब महिला के निर्माणाधीन मकान को ढहाने की कड़ी निदा की तथा दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने और हुए नुकसान की अविलंब भरपाई करने की मांग की है. दोषी वनरक्षियों पर कड़ी कार्रवाई करने और समूचे मामले की जानकारी के लिए माले के नेतृत्व में पीड़ित परिवार व ग्रामीण अनुमंडलाधिकारी बगोदर-सरिया से भेंट किया तथा उन्हें आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है.विरोध में आज प्रतिवाद मार्च निकालेगी भाकपा माले
भाकपा माले प्रखंड सचिव ने कहा कि तीन वनरक्षियों द्वारा बेरहमी से बिना प्रक्रिया और नोटिस के निर्माणाधीन मकान तोड़ा जाना निंदनीय है दोषियों पर कड़ी कार्रवाई व नुकसान की भरपायी की मांग की. कहा कि 31 मई को प्रतिवाद मार्च निकाला जायेगा. मौके पर उप प्रमुख हरेंद्र कुमार सिंह, खुबलाल भाई, भोला महतो, भुक्तभोगी तारा कुमारी पांडेय, सास माया देवी, दिव्यांग ससुर, ग्रामीण शंकर पांडेय आदि मौजूद थे.
बिना प्रक्रिया के मकान ढाहे जाने वाले वनरक्षियों पर कानूनी कार्रवाई हो : विनोद सिंह
इस दौरान पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि बोकारो में वन विभाग की जमीन को कई कंपनियां को बेच दी गयी. मामले में बोकारो डीसी को नोटिस भी जारी किया गया है. इसके साथ ही कई निजी कंपनियां आज भी जंगल जमीन पर अवैध कब्जा कर रहे हैं. लेकिन वनाधिकार कानून के मुताबिक जो लंबे समय से रह रहे हैं और उसमें कोई निर्माण कार्य कर रहे हैं तो सबसे पहले उन्हें वन विभाग की मार झेलनी पड़ रही है. अभी खेतको में एक व्यक्ति द्वारा अबुआ आवास बनाया जा रहा था. इस अबुआ आवास देने से पहले सारी जांच प्रक्रिया की गयी होगी. इसमें बीडीओ और मुखिया की स्वीकृति की गयी होगी. तब प्रक्रिया आगे बढ़ा होगा. लेकिन अबुआ आवास के तहत जो घर बन रहा था, उसकी बिना नोटिस दिये और जांच किये वन विभाग के द्वारा घर की दीवार को गिराया जा रहा है. पूर्व विधायक ने वनरक्षियों पर कार्रवाई की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है