संयुक्त सचिव श्री प्रसाद ने जिला प्रशासन द्वारा संचालित जनजातीय कल्याण से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी प्राप्त की. साथ ही अभियान के अंतर्गत चल रहे कार्यों के प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिया कि पीएम जनमन योजना के लक्ष्यों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण किया जाये और यह सुनिश्चित किया जाए कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान व आदि कर्मयोगी अभियान के सभी घटक प्रभावी रूप से धरातल पर कार्यान्वित हो. इन अभियानों का उद्देश्य जनजातीय समुदायों के सर्वांगीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका व मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है. इस दिशा में जिला प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है.
आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य आदिवासी समाज को सशक्त करना है
कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज के बीच क्षमता निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है. सरकार की ओर से चल रही योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, यही इस अभियान का लक्ष्य है. कहा कि सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में आजीविका संवर्धन, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा के स्तर में सुधार एवं युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में अनेक कार्य किये जा रहे हैं.आदिवासी बहुल गांवों के समग्र विकास व आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण पहल : डीसी
डीसी रामनिवास यादव ने बताया कि पीएम जनमन व धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से जुड़ी सभी योजनाओं की बारी-बारी समीक्षा की गयी और लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत प्रगति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही पूरी पारदर्शिता और प्राथमिकता के साथ अनुसूचित जनजाति समुदाय और बिरहोर परिवारों को सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ लाभान्वित करने की बात कही गयी है. डीसी ने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों में अभियान के तहत योजनाओं का कार्यान्वयन निरंतर प्रगति पर है तथा प्रत्येक स्तर पर पारदर्शिता एवं जनभागीदारी सुनिश्चित की जा रही है. कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान आदिवासी बहुल गांवों के समग्र विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है. इसके माध्यम से ग्रामवासियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है. उन्होंने सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं व विकासात्मक कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा लोगों को इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया.जिले के 143 गावों का हुआ है चयन
डीसी ने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान भारत के जनजाति समुदाय के संपूर्ण उत्थान के लिए एक अति महत्वकांक्षी योजना है. इसके अंतर्गत गिरिडीह जिले के नौ प्रखंडों के 143 गांवों के अनुसूचित जनजाति समुदाय के परिवारों को लक्षित किया जाना है. इस अभियान के अंतर्गत वैसे ग्रामों का चयन किया गया है, जिनकी जनसंख्या 500 से अधिक हो और उसमें अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 50 प्रतिशत से अधिक तथा एस्पिरेशनल ब्लाक कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाले प्रखंड के वैसे ग्राम जहां पर जनजातियों की कुल संख्या 50 या उससे अधिक हो. कहा कि गिरिडीह जिले में कुल आठ पीवीजीटी क्षेत्र हैं, जिसमें बगोदर प्रखंड में तीन, सरिया प्रखंड में तीन तथा गावां प्रखंड में दो शामिल है. उन सभी बिरहोर परिवारों को केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पूरी प्राथमिकता के साथ दिलाया जाय. बैठक में डीडीसी स्मृता कुमारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

