बेंगाबाद की सीओ प्रियंका प्रियदर्शी के अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन में आते ही क्षेत्र में खलबली मच गयी है. इसकी चपेट में आनेवाले लोग कानूनी जानकारों का सहारा लेने में जुट गये हैं. वहीं अंचल अधिकारी से कई लोग अतिक्रमणकारियों पर पहले कार्रवाई की मांग करने लगे हैं. लोगों का कहना है कि बेंगाबाद के विभिन्न मुख्य मार्गों पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर पेट्रोल पंप, होटल सहित अन्य प्रतिष्ठान का निर्माण कराये वर्षाें बीत गये, लेकिन उक्त लोगों की ऊंची पहुंच व राजनीतिक पकड़ के आगे अंचल विभाग की नहीं चल रही है और ना ही उन्हें नोटिस थमाया गया है. इसके अलावा एनएच मुख्य मार्ग पर कर्णपुरा के पास नाले को भरकर उसका निशान मिटाने का काम किया गया है. वहीं सरकारी भूमि पर बिना एनओसी के मिट्टी भरकर यहां रास्ता भी बना दिया गया है. उन्हें भी नोटिस देने की मांग उठने लगी है.
क्या है मामला
बेंगाबाद प्रखंड सह अंचल परिसर के सामने की जीएम भूखंड पर कथित तौर पर अतिक्रमण करते हुए कई मकान बनाकर घेराबंदी कर ली गयी है. इस मामले को सीओ ने गंभीरता से लेते हुए 19 लोगों को नोटिस थमाते हुए कागजात की मांग की थी. नोटिस मिलने के बाद शनिवार को नोटिसधारी कुछ लोगों ने अंचल कार्यालय में कुछ दस्तावेज जमा किया है. अंचल अधिकारी के निर्देश के बाद यहां हड़कंप मचा हुआ है. वहीं नोटिस मिले लोगों का कहना है कि बेंगाबाद-गिरिडीह एनएच मुख्य मार्ग, बेंगाबाद-छोटकी खरगडीहा मुख्य मार्ग पर कई स्थानों पर वर्षों पूर्व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करते हुए पेट्रोल पंप और होटल खोल दिया गया है. उक्त लोगों के पास क्या दस्तावेज है, उसकी भी अंचल अधिकारी को जांच पड़ताल करनी चाहिए. फाब्ला नेता राजेंद्र मंडल, भाजपा नेता शिवपूजन राम, बंसत यादव, निरंजन राय सहित अन्य का कहना है कि अंचल अधिकारी उक्त लोगों को भी नोटिस कर कागजात की मांग करें. वहीं थाना के पास भी जीएम लैंड को चिह्नित किया गया है. वहां भी नोटिस निर्गत करने की मांग की गई है. पूर्व उपप्रमुख उपेंद्र कुमार का कहना है कि बेंगाबाद में संचालित अधिकांश पेट्रोल पंप जीएम लैंड पर संचालित हैं. वहां भी प्रशासन को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं कर्णपुरा नाला को भरने के मामले में अब तक कोई सुगबुगाहट नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है.
अतिक्रमणकारियों को बख्शा नहीं जायेगा
इधर अंचल अधिकारी प्रियंका प्रियदर्शी का कहना है कि अभी शुरूआती दौर है. एनएच मुख्य मार्ग की सरकारी भूमि को चिन्हित करते हुए राजस्व कर्मचारी से रिपोर्ट मांगी गयी है. जहां भी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का मामला आयेगा, किसी को बख्शा नहीं जायेगा. कहा कि जो दस्तावेज जमा किये गये हैं, उसकी जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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