बताया गया कि लगभग 750 अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य पद पर नियुक्ति पत्र शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति में दिया गया था. इसके अलावा जेपीएससी के अन्य अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति पत्र वितरित किये गये थे. नियुक्ति प्रक्रिया से पहले सभी अभ्यर्थियों को सदर अस्पताल में मेडिकल जांच से गुजरना अनिवार्य था. लेकिन, अस्पताल की व्यवस्था काफी लचर थी.
दो काउंटरों पर लगी थी लंबी कतार
टोकन कटवाने और शुल्क जमा करने के लिए केवल दो ही काउंटर खोले गये थे. अभ्यर्थियों ने बताया कि काउंटर की संख्या अपर्याप्त होने के कारण लंबी लाइन लग गयी. कई बार हंगामा भी हुआ. शुरुआत में 10 रुपये का टोकन कटवाने के लिए एक काउंटर संचालित था और उसके बाद जांच शुल्क जमा करने के लिए दूसरा काउंटर. अभ्यर्थियों का कहना था कि भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त काउंटर की व्यवस्था करनी चाहिए थी. सदर अस्पताल में केवल सरकारी भर्ती के अभ्यर्थी ही नहीं, बल्कि गिरिडीह कॉलेज में एनसीसी में एडमिशन के लिए मेडिकल जांच कराने आयी छात्राओं की भीड़ भी देखी गयी. कई छात्राओं ने कहा कि लंबी प्रतीक्षा और काउंटर की कमी के कारण उन्हें काफी असुविधा हुई. अभ्यर्थियों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन को भीड़ का पूर्वानुमान लगाकर बेहतर प्रबंध करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी अव्यवस्था और हंगामा ना हो.
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