इस दौरान 300 लोगों के रक्त संग्रह किये गये. शुरुआत मुखिया जानकी बरनवाल, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ इंदु कुमार शेखर व मलेरिया टेक्निकल सुपरवाइजर अजय कुमार वर्मा ने की. डॉ शेखर ने बताया कि रक्त के नमूने की जांच में यदि फाइलेरिया का लक्षण मिलने वालों को दवा दी जायेगी. अजय ने बताया कि दासेडीह और कारीटांड़ गांव को सेंटिनल (फिक्स) साइट के रूप में चयनित किया गया है. इसलिए यहां हर वर्ष रात में रक्त पट्ट संग्रह किया जाता है.
10 नवंबर को तेलाडीह व खेसनाल में लगेगा शिविर
अगले चरण में 10 नवंबर को तेलोडीह और खेसनाल गांव शिविर लगेगा. ग्रामीणों से शिविर के आयोजन में सहयोग की अपील की गयी, गांवों को फाइलेरिया मुक्त किया जा सके. मौके पर काजल सिन्हा, रानी कुमारी, मीना देवी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, इंद्रदेव रविदास आदि थे.
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