ग्रामीणों ने मांग की है कि वर्तमान सेविका की मैट्रिक, इंटर व स्नातक की शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की सभी पहलुओं पर पहले जांच हो. सीडीपीओ सह सीओ ने आठ दिनों के अंदर सेविका के मूल शैक्षणिक पत्रों की जांच का भरोसा दिलाया. साथ ही उन्होंने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. उपस्थित ग्रामीणों ने भी सहमति जताते हुए सहायिका चयन कि प्रक्रिया को स्थगित करने का आग्रह किया. बता दें कि उक्त आंगनवाड़ी केंद्र में जिस बबिता कुमारी का चयन सेविका के रूप में 2022 को किया गया. केंद्र में 2006 से लेकर 2022 तक तकरीबन 16 साल तक बतौर सहायिका कार्यरत थी. इसी दौरान वह मैट्रिक, इंटर और स्नातक की डिग्री दिखा रही है. जबकि विभागीय कार्यालय में उच्च शिक्षा से संबंधित कोई आवेदन, कागजात उपलब्ध नहीं है. इससे ग्रामीणों को उसके शैक्षणिक कागजात में फर्जीवाड़े का अंदेशा है जिसकी जांच की मांग करते हुए सहायिका का चयन किये जाने की मांग की है. मौके पर माधो महतो, संतोष मंडल, बासुदेव विद्यार्थी, लालमोहन महतो, अर्जुन महतो, अनिल मंडल,पूरन महतो, महेश महतो, जयंती देवी, यशोदा देवी, गीता देवी, बेबी देवी, चमेली देवी, उर्मिला देवी, कैलाश कुमार, जितेंद्र महतो, मंजू देवी, विमल शर्मा, नंदकिशोर शर्मा, राहुल मंडल, विकास कुमार, ईश्वर महतो, पार्वती देवी समेत अन्य ग्रामीण उपस्थित थे. इधर विभाग द्वारा शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच को पारदर्शी तरीके से न रखने पर मुंडरो पंचायत के मुखिया बंधन महतो व पंसस कोलेश्वर मंडल समेत वार्ड सदस्यों ने भी उक्त गड़बड़ी पर पूर्व के अधिकारियों पर मामले को उद्भेदन न होने को लेकर रोष व्यक्त किया है. वही सुचारु रूप सर आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन व व्यवस्थापन की मांग की गयी है.
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