प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कृष्णा त्रिवेदी ने कहा कि विद्यार्थी परिषद हमेशा से छात्रहित में आवाज उठाती रही है और शिक्षा से जुड़े हर मुद्दे पर लगातार सक्रिय भूमिका निभाती है. वर्षों से लंबित छात्रसंघ चुनावों कराना जरूरी है, ताकि छात्र प्रतिनिधित्व और पारदर्शिता फिर से बहाल हो सके. कहा कि कॉलेजों में शिक्षकों और कर्मचारियों की काफी कमी है. इसके कारण पढ़ाई बाधित हो रही है. इस कमी को जल्द से जल्द दूर करने की मांग की गयी है. प्रतिनिधिमंडल ने बीसीए, बीएमएलटी समेत कई वोकेशनल कोर्सों में लैब सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर गहरी नाराजगी जतायी और इसे तुरंत बहाल करने की बात कही. एनइपी 2020 के तहत सभी कॉलेजों के पुस्तकालयों में पर्याप्त पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, शौचालय, पेयजल, क्लासरूम की सफाई, टूटे बेंच-डेस्क की मरम्मत जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया गया.
20 दिनों में मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन का अल्टीमेटम
गिरिडीह कॉलेज महाविद्यालय में इतिहास, राजनीति विज्ञान, भूगोल, हिंदी, फिजिक्स और केमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने और श्री आरके महिला कलेज में जंतु विज्ञान और राजनीति विज्ञान में सीट बढ़ाने की भी मांग शामिल है. अभाविप के उज्ज्वल तिवारी ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन 20 दिनों में मांगों पर कार्रवाई नहीं करता, तो परिषद चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने को बाध्य होगी,. प्रतिनिधिमंडल में नगर मंत्री नीरज चौधरी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बाबूलाल मेहता, नवलेश सिंह, रितेश यादव, रोहित पांडेय, विक्रम राठौर, कोडरमा के संगठन मंत्री नितेश तिवारी, राहुल कुमार आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

