जमुआ में करोड़ों की लागत से हर वर्ष सड़क का जीर्णोद्धार व मरम्मत करायी जाती है, लेकिन बरसात व सावन का माह आने के पहले सड़कें जर्जर हो जाती हैं. सावन माह शुरू हो गया है और कांवरियाें का जत्था जमुआ द्वारपहरी मार्ग, जमुआ देवघर मार्ग, जमुआ चितरडीह मार्ग, जमुआ कोडरमा पथ से होकर हर दिन सुल्तानगंज जाने को निकलता है. ऐसे में इन जर्जर सड़कों पर हिचकोले खाते हुए कांवरिया निकलेंगे. पिछले कई वर्षो में पीडब्ल्यूडी, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), विधायक कोटा, सांसद कोटा, 14वीं और 15 वीं वित्त या अन्य विकास योजनाओं से जमुआ के ग्रामीण इलाके में सड़कें बनीं थी, पर इन सड़कों की हालत दयनीय हो गयी हैं. सड़कों के निर्माण के बाद पांच वर्ष तक ठेकेदारों को मेंटेनेंस करना होता है, पर ऐसा यहां किया नहीं जाता है. इसे लेकर चचघरा की मुखिया पिंकी वर्मा ने डीसी को पत्र लिखकर जमुआ के जोरासांख के पास लगभग आधा किलोमीटर तक टूट चुकी सड़कों की मरम्मत कराने की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

