मधुबन में दक्षलक्षण महापर्व के दूसरे दिन शुक्रवार क़ो साधु-संतों के सान्निध्य में श्री जी का अभिषेक, शांतिधारा, पूजन किया गया. दिगंबर परंपरा में दक्षलक्षण महापर्व का विशेष महत्व है. जैन अनुयायी 10 दिनों तक लगातार भक्ति भावना के साथ दस धर्मों का पालन करेंगे. साधु-संतों ने प्रवचन में श्रद्धालुओं को दसलक्षण महापर्व के उत्तम मार्दव धर्म के बारे में बताया. उत्तम मार्दव का अर्थ है अहंकार, अभिमान और घमंड का त्याग कर दूसरों के प्रति विनम्र, सरल और मृदुतापूर्ण व्यवहार करना है.
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