पाटिल सपरिवार पर्वत की वंदना करने शिखरजी आया था. वे डोली के सहारे वंदना करने पर्वत पर गये थे. वंदना करते-करते मुनि सुब्रतनाथ स्वामी टोंक के समीप अचानक वह डोली से नीचे गिर गए. आनन-फानन में प्राथमिक चिकित्सा कराते हुए पर्वत से नीचे लाकर डाक्टरों से उनकी जांच करायी गयी. जांच के बाद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. परिवार के सदस्यों ने शव को मधुबन में बने आचार्य शांति सागरधाम में रख दिया. रविवार काे शवयात्रा निकालकर मधुबन के जयनगर नाले के पास बने मुक्तिधाम में उनका अग्नि संस्कार किया जायेगा.
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