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Giridih News :आरटीए के सदस्य पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप, हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर

Giridih News :उत्तरी छोटानागपुर प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार (आरटीए) के एक सदस्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है. बताया जा रहा है कि परमिट निर्गत करने और उसे निरस्त करने के साथ-साथ नवीकरण करने के नाम पर उगाही होती है. यह आरोप आरटीए के सदस्य शाहनवाज अंसारी पर लगा है.

उत्तरी छोटानागपुर प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार (आरटीए) के एक सदस्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है. बताया जा रहा है कि परमिट निर्गत करने और उसे निरस्त करने के साथ-साथ नवीकरण करने के नाम पर उगाही होती है. यह आरोप आरटीए के सदस्य शाहनवाज अंसारी पर लगा है. गिरिडीह व हजारीबाग के बस संचालक क्रमश: राजू खान व राजकुमार ने आरोप लगाया है कि आरटीए के सदस्य परमिट स्वीकृत और रद्द कराने के नाम पर वाहन मालिकों से अवैध रकम की वसूली की जा रही है. राजू खान ने झारखंड हाइकोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर कहा है कि आरटीए के सदस्य शाहनवाज अंसारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद सरकार के स्तर से बिना कोई कार्रवाई किये बैठक बुला ली गयी है. इस मामले में सुनवाई करते हुए फिलहाल झारखंड हाईकोर्ट ने 10 नवंबर को होने वाली आरटीए की बैठक को अगले आदेश तक स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया है. इस आदेश के बाद हजारीबाग उत्तरी छोटानगापुर प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार के सचिव सह उप परिवहन आयुक्त ने एक आदेश जारी कर कहा है कि राजू खान व अन्य बनाम झारखंड सरकार तथा अन्य मामले में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में 10 नवंबर को प्राधिकार की होने वाली बैठक को स्थगित कर दिया गया है. साथ ही गैर सरकारी सदस्य शाहनवाज अंसारी को नोटिस भी निर्गत किया है.

परिवहन आयुक्त ने भी की थी कार्रवाई की अनुशंसा

जानकारी के अनुसार बस संचालक राजकुमार ने उत्तरी छोटानागपुर प्रादेशिक परिवहन पदाधिकारी को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि आरटीए के गैर सरकारी सदस्य शाहनवाज अंसारी उनसे अवैध रकम की मांग लंबे समय से कर रहे थे. सदस्य उन्हें धमकी देते थे कि कई लोगों का परिमट रद्द हो रहा है और यदि इससे बचाना है, तो चार परमिट का चार लाख रुपये दो. ऐसा नहीं करने पर चारों बसों का परमिट रद्द करवा दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें मो शदाब से मिलकर बात करने को कहा गया. जब वे मो शदाब से मिले तो चार परमिट को रद्द करने से बचाने के लिए ढाई लाख रुपये पर सहमति बनी. इसके बाद उन्होंने 75-75 हजार रुपये पे फोन के माध्यम से ट्रांसफर किया और शेष एक लाख रुपये अन्य माध्यमों से वसूला गया. इस मामले में राजकुमार ने परिवहन आयुक्त से विधि सम्मत कार्रवाई करने की मांग की थी. इसके बाद तत्कालीन परिवहन आयुक्त सुमन कैथरीन किस्पोटा ने पूरे तथ्यों का उल्लेख करते हुए झारखंड सरकार के परिवहन विभाग के सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी. बताया जा रहा है कि यह अनुशंसा सरकार के पास लंबित है.

झामुमो के जिला उपाध्यक्ष हैं शाहनवाज

आरटीए के सदस्य मो शाहनवाज अंसारी इस वक्त झामुमो के गिरिडीह जिला के उपाध्यक्ष हैं और जिनके फोन के जरिये बैंक खाते में राशि भेजी गयी है, वे इनके नजदीकी बताये जाते हैं. मो शदाब अंसारी के खाते में रकम ट्रांसफर कराये जाने के बाद मामला तूल पकड़ लिया है. हजारीबाग बस ऑनर्स एसोसिएशन ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की मांग की है. वहीं एसोसिएशन का आरोप है कि आरटीए के सदस्य के द्वारा बस संचालकों को परेशान किया जा रहा है.

ट्रक छुड़ाने का मामला भी बना हुआ है चर्चा का विषय

इधर ओवरलोड ट्रक गिरिडीह में परिवहन विभाग द्वारा पकड़े जाने के बाद छुड़ाने का मामला भी चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों एक ओवरलोड ट्रक पर जुर्माना किया गया था. इस जुर्माने की रकम में गड़बड़झाला की गयी है. ट्रक संचालक द्वारा जुर्माना कम कराने के लिए तीस हजार रुपये की वसूली की गयी थी. इसमें से मात्र 22650 रुपये ही परिवहन विभाग को जुर्माना के रूप में प्राप्त हुआ. शेष रकम बिचौलियों ने हड़प ली. इस मामले में भी मो शाहनवाज अंसारी की संलिप्तता की बात सामने आयी है.

भ्रष्टाचार पर कार्रवाई किये बिना आरटीए की बैठक बुलायी गयी थी : राजू खान

सम्राट बस के मालिक राजू खान का कहना है कि आरटीए के सदस्य सह झामुमो के जिला उपाध्यक्ष मो शाहनवाज अंसारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. इस आरोप पर कार्रवाई के लिए तत्कालीन परिवहन आयुक्त ने अनुशंसा भी की थी. लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई किये बिना ही आरटीए की बैठक बुला ली गयी थी. इस बैठक के जरिये बस संचालकों को पुन: परेशान किये जाने की संभावना थी. अंतत: उन्होंने हाइकोर्ट का सहारा लिया.

आरोप निराधार : शाहनवाज

आरटीए के सदस्य सह झामुमो के जिला उपाध्यक्ष शाहनवाज अंसारी ने अपने भ्रष्टाचार के आरोप को निराधार और झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति क्यों किसी अन्य व्यक्ति को मनी ट्रांसफर करेगा. जिस व्यक्ति का नाम आरोपकर्ता ने लगाया है, उससे मेरा कोई पारिवारिक संबंध नहीं है. वह व्यक्ति मेरे साथ हजारीबाग गया था, लेकिन उसके साथ-साथ तीन अन्य लोग भी थे. हमलोग साथ रुके और हमारे साथ दूसरे गैर सरकारी सदस्य भी रुके थे. हमलोगों की कोई बात बस संचालक राजू खान से नहीं हुई है. साथ ही यह भी कहा कि मनी ट्रांसफर से उनका कोई सरोकार नहीं है.

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