महारैली में हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग पारंपरिक वेश-भूषा और ढोल-नगाड़ों के साथ शामिल होंगे. खोरीमहुआ अनुमंडल क्षेत्र के समाज के लोग एकत्रित होकर अनुमंडल कार्यालय तक पैदल मार्च करेगी. महारैली का उद्देश्य ग्यारह सूत्री मांगों के समर्थन में अपनी एकजुटता दिखाना और सरकार को चेतावनी देना है कि आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण में किसी भी तरह की कटौती या छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
हक के लिए समाज आरपार के मूड में
आयोजन समिति के सुकेश हेंब्रम, किशोर मुर्मू, नवीन टुडू आदि ने गुरुवार को बताया कि रैली शांतिपूर्वक निकाली जायेगी. लेकिन, अपनी हक की रक्षा के लिए आदिवासी समाज अब आरपार की लड़ाई के मूड में है. बताया कि अनुमंडल के सभी प्रखंड से लोग पारंपरिक नृत्य और गीतों के साथ सुबह से ही खोरीमहुआ चौक पर पहुंचे. यहां से अनुमंडल कार्यालय तक पैदल मार्च करेंगे. रैली के बाद जनसभा होगी. यह रैली आदिवासी अधिकार, भूमि संरक्षण, स्थानीय नीति, जल, जंगल, जमीन पर हक तथा शिक्षा और रोजगार में प्राथमिकता देने की मांग को लेकर निकाली जा रही है. उन्होंने रैली में अधिक से अधिक समाज के लोगों से भाग लेने की अपील की है. मौके पर ब्रह्मदेव टुडू, सुरेश टुडू, किशोर हंसदा, विजय मुर्मू, सुंदर मुर्मू, दिनेश मुर्मू, मनोज मुर्मू, दिलीप मरांडी, प्रेमराज हेंब्रम, सुनील हंसदा आदि थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

