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ओमान में फंसे बगोदर के 20 समेत झारखंड के 30 मजदूर

बगोदर : रोजगार की तलाश में विदेश गये मजदूरों के वहां फंसने का सिलसिला थम नहीं रहा है. नया मामला झारखंड समेत केरल और तमिलनाडु के 150 मजदूराें के ओमान की राजधानी मसकट में फंसने का आया है. मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से ओमान में फंसे होने की जानकारी साझा की है. इन […]

बगोदर : रोजगार की तलाश में विदेश गये मजदूरों के वहां फंसने का सिलसिला थम नहीं रहा है. नया मामला झारखंड समेत केरल और तमिलनाडु के 150 मजदूराें के ओमान की राजधानी मसकट में फंसने का आया है. मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से ओमान में फंसे होने की जानकारी साझा की है. इन मजदूरों में बगोदर प्रखंड के 20 समेत झारखंड के 30 मजदूर शामिल हैं.

इन मजदूरों को टावर लाइन में काम कराने के लिए 2017 में स्थानीय ठेकेदार ओमान ले गया था. मजदूरों को एक कंपनी में काम दिलाने की बात कहकर ओमान भेजा गया था. इन मजदूरों को पिछले सात महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है. मजदूरों ने सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में बताया है कि सभी को एक कमरे में बंद करके रखा गया हैं.
उन्हें केवल एक समय का खाना दिया जा रहा है. वे वतन वापस आना चाह रहे हैं, लेकिन वीजा की मियाद खत्म होने के अलावा पास में पैसे नहीं होने के कारण वे वहां फंस गये हैं. ओमान में फंसे मजदूरों ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार व स्थानीय सांसद-विधायक से वतन वापसी की गुहार लगायी है.
मजदूरों का कहना है कि हमें एक कमरे में बंद कर दिया गया है. वहीं न तो खाने-पीने के लिए बढ़िया भोजन दिया जा रहा है और न ही काम के बदले में हमें वेतन दिया रहा है. वहीं वेतन मांगने पर धमकी दी जाती है. मजदूरों ने विदेश मंत्री के नाम संदेश भेजकर वेतन दिलाने का आग्रह भी किया है.
फंसने वाले अधिकांश मजदूर गिरिडीह जिले के बगोदर, हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ के रहने वाले हैं. प्रवासी मजदूरों के लिए काम कर रहे सिकंदर अली ने इन मजदूरों की वापसी के लिए राज्य सरकार से लेकर सांसद अन्नपूर्णा देवी व विधायक विनोद कुमार सिंह, पूर्व विधायक नागेंद्र महतो से पहल की मांग की है.

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