दो वर्ष पूर्व जर्जर भवन तोड़ने का बाद नहीं हुआ नया निर्माण
बेंच-टेबल नहीं रहने के कारण जमीन पर बैठकर पढ़ते है कक्षा आठवीं तक के छात्र
शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर सरकार नित नयी पहल कर रही है. लेकिन, आधारभूत सुविधाओं और संसाधनों के अभाव में सरकार का लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है. कुछ ऐसा ही हाल सरिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय (यूएमएस) सरिया टोला का है, जहां दो कमरों में आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई हो रही है. विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापक गणेश राम ने बताया कि इस विद्यालय में पांच शिक्षक कार्यरत हैं. 137 नामांकित बच्चों में प्रतिदिन लगभग 120 बच्चे विद्यालय आते हैं. कमरे के अभाव में बच्चों को बैठने में परेशानी होती है. विद्यालय में बेंच कुर्सी नहीं रहने के कारण बच्चे जमीन पर बैठने को मजबूर हैं. वर्तमान में विद्यालय में दो कमरों के अतिरिक्त एक कार्यालय है. विभाग द्वारा दो वर्ष पूर्व जर्जर कमरों को तोड़ दिया गया था. इसके बाद उम्मीद जगी थी कि विद्यालय को नया भवन मिलेगा. लेकिन, अभी तक स्थिति जस की तस है. रसोई घर का भी अभाव है.बरामदे में बैठते हैं कक्षा एक व दो के छात्र
विद्यालय भवन के बरामदे में एक ओर कक्षा एक और दो के बच्चे बैठते हैं, जबकि दूसरी ओर एमडीएम बनता है. स्मार्ट क्लास के लिए स्मार्ट बोर्ड स्थापित किये गये हैं. आइसीटी के अभाव में स्मार्ट क्लास संचालित नहीं हो रहा है. चहारदीवारी नहीं रहने के कारण यह विद्यालय सुरक्षित भी नहीं है. बताया कि विद्यालय के पीछे कुछ लोगों के मकान है, जिन्हें आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. वे लोग विद्यालय के आंगन होकर ही आना-जाना करते हैं. इसके कारण बाउंड्री वॉल देने में परेशानी हो रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

