प्रतिनिधि, मझिआंव मझिआंव नगर पंचायत में पिछले पंद्रह दिनों से सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप है. सफाईकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण नगर की सड़कों और बाजार क्षेत्रों में कूड़े का अंबार लगा हुआ है. स्थिति यह है कि सड़क किनारे जमा कचरा और उड़ती धूल दुकानों के अंदर तक पहुंच रही है, जिससे व्यापारियों और स्थानीय लोगों को गंभीर परेशानी हो रही है. इस संबंध में 22 नवंबर को व्यवसायी संघ के प्रखंड अध्यक्ष नीरज कमलापुरी के नेतृत्व में कार्यपालक पदाधिकारी शैलेश कुमार को एक पत्र दिया गया था. पत्र में चेतावनी दी गयी थी कि यदि 27 नवंबर तक सफाई नहीं करायी गयी, तो 28 नवंबर को मझिआंव के व्यापारी चक्का जाम कर आंदोलन करने को मजबूर होंगे. 18 महीने से नहीं मिली मजदूरी, भुखमरी की कगार पर सफाईकर्मी नगर पंचायत के सफाईकर्मियों को पिछले 18 महीनों से मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है. इस संबंध में सफाईकर्मियों ने 21 नवंबर को उपायुक्त गढ़वा को ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में उनका अनुबंध पर बहाली हुई थी और उन्हें प्रतिदिन 398 रुपये की मजदूरी मिलती है, साथ ही पीएफ की कटौती भी होती है. इसके बावजूद नियमित भुगतान नहीं होने से वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया कि मजदूरी मांगने पर उनके साथ अमर्यादित भाषा में व्यवहार किया जाता है. उन्होंने उपायुक्त से बकाया मजदूरी और कटे हुए पीएफ की राशि जल्द उपलब्ध कराने की मांग की है. जिम्मेदार ने कहा इस संबंध में पूछे जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी शैलेश कुमार ने बताया कि सफाईकर्मियों की समस्याओं का समाधान कर दिया गया है. उनके अनुसार, शुक्रवार से सफाईकर्मी काम पर लौट जायेंगे, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था सामान्य होने की उम्मीद है.
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