गढ़वा.
शहर के विशुनपुर स्थित राग प्रांगण में रविवार की शाम संगीत संध्या का आयोजन किया गया. मनभावन मंच के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में कलाकारों एवं साहित्यकारों ने अपने संगीत व कविताओं के माध्यम से सबका भरपूर मनोरंजन किया. करीब दो घंटे तक चले इस कार्यक्रम में कलाकारों ने जहां भक्ति गीत से वातावरण को भक्तिमय बनाया, वहीं श्रृंगार रस की प्रस्तुति ने वातावरण को सुखद बना दिया. कार्यक्रम की शुरूआत सीएम एक्सेलेंस बालिका उवि की संगीत शिक्षिका सीमा कुमारी के सरस्वती वंदना से हुई. इसके बाद उन्होंने अपने भक्तिगीत से सबको मंत्रमुग्ध कर डाला. इसको आगे बढ़ाते हुए शिक्षिका कल्पना द्विवेदी ने श्रृंगार रस के साथ चैता व फगुआ गायन कर सबको खूब झुमाया. उनकी नइहर से कोई नहीं अइले हे रामा, बीतले फगुनुआ…की श्रोताओं ने खूब प्रशंसा की. महिला रचनाकार में पूनम श्री की गजल ये फसाना कहते-कहते रात ढल न जाये… सबको मंत्रमुग्ध कर डाला. प्रो नागेंद्र यादव ने श्रृंगार रस को और आगे बढ़ाते हुए धनिया गइले नइहरवा, बलम फफकी धरके रोये…की प्रस्तुति कर वातावरण को और रसमय बना डाला. इसी तरह युवा अधिवक्ता जयपूर्णा विश्वकर्मा व किरण कुमारी ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं. सेवानिवृत शिक्षक रेयाज अहमद ने भी अपनी शेरो-शायरों से लोगों का मनोरंजन किया. मोबाइल पर व्यंग्य की सराहना : वहीं युवा रचनाकार प्रमोद कुमार की समाज की वर्तमान स्थिति व मोबाइल पर किये व्यंग्य की सभी ने सराहना की. इस अवसर पर डीएवी विद्यालय के संगीत शिक्षक पीके मिश्रा के भगवती गीत और लव कुमार सिंह के भजन ने वातावरण को पूरी तरह से भक्तिमय बना डाला. इसके साथ युवा रचनाकार पुलक प्रकृति की गुरु की महिमा पर प्रस्तुति ने लोगों को प्रभावित किया. कार्यक्रम का समापन पूनम श्री के धन्यवाद ज्ञापन से किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है