गढ़वा.
मई के अंतिम समय में भी पूर्व की तरह मौसम में उतार-चढ़ाव रहेगा. मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि इस पूरे सप्ताह आकाश में आंशिक रूप से बादल छाये रहेंगे. वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि पूरे सप्ताह मौसम धुंधला रहेगा एवं तेज सतही हवाएं चलेगी. साथ ही गरज के साथ आंधी-पानी की भी संभावना है. तापमान में कमी से गर्मी कम रहेगी. इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 35 से 39 डिग्री सेल्सियस एवं रात का न्यूनतम तापमान 26 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है. दवा का छिड़काव अभी न करें: कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को सलाह दी है कि आनेवाले दिनों में वर्षा की संभावना को देखते हुए फसलों पर किसी भी तरह का दवा का छिड़काव अभी रोक दें. मौसम साफ रहने पर ही दवा का छिड़काव करें. उन्होंने कहा कि जल निकास की सुविधा फसलों में बनाये रखें. भिंडी में बुवाई के 30 दिनों बाद 25 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें एवं पुनः 25 किलोग्राम 30 दिनों के बाद डालें.हरी मिर्च, अरबी, ओल, अदरक व हल्दी के लिए सलाह : हरी मिर्च की अगेती फसल के लिए भारत, कैलिफोर्निया वंडर, चाइनीज जॉइंट, येलो वंडर जैसे प्रभेदों का प्रति एकड़ 400 ग्राम की दर से बिचड़ा तैयार करें. अरबी-कच्चु, ओल, अदरक एवं हल्दी की सफल खेती के लिए कंद को लगाने का कार्य मई में समाप्त कर लें. ओल में गजेंद्र, अरबी में मुक्ताकेशी, अदरक में वर्धमान, सुरुचि, सुप्रभा, नदिया एवं हल्दी में राजेंद्र सोनिया जैसे प्रभेदों का चयन करें. उन्होंने कहा कि इस समय की वर्षा का भरपूर लाभ लेने के लिए खाली खेतों की गहरी जुताई कर खेत को खोले रखें. फलों के बाग लगाने की तैयारी : फलबाग लगाने के लिए किये गये गड्ढों की अब भराई करें. खाद एवं दवा के विषय में उन्होंने कहा कि सभी गड्ढे अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर खाद आठ से 10 किलोग्राम, करंज या नीम की खल्ली एक से दो किलोग्राम, डीएपी एक किलोग्राम, एमओपी 500 ग्राम, चुना 500 ग्राम, सल्फर पाउडर 50 ग्राम एवं बोरैक्स पाउडर 20 ग्राम की दर से गड्ढे से निकाली गई मिट्टी एवं थोड़ा बालू में अच्छी तरह मिलाकर गढ्ढों को सतह से थोड़ा ऊपर तक भर दें. छोटे फलदार वृक्षों के लिए उर्वरकों की मात्रा थोड़ा कम रखें.
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