विजय सिंह, भवनाथपुर
गढ़वा जिले के भवनाथपुर में पिछले 11 वर्षों से पावर प्लांट लगने की उम्मीद तब धाराशायी हो गयी, जब वर्तमान विधायक अनंत प्रताप देव के विधानसभा में पावर प्लांट लगाने के सवाल पर सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए जबाब दिया और भवनाथपुर में लगने वाला पावर प्लांट कहीं और स्थानांतरित कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार भवनाथपुर पलामू प्रमंडल में औद्योगिक नगरी के नाम से जाना जाता था. यहां डोलोमाइट, चूना पत्थर खदान तथा एशिया का सबसे बड़ा क्रशिंग प्लांट लगाया गया था. लेकिन दुर्भाग्यवश 1990 के दशक में क्रशिंग प्लांट बंद हो गया. वर्ष 2014 में चूना पत्थर खदान बंद हो गया. ऐसे में जब भवनाथपुर वीरान होने लगा, तो तत्कालीन विधायक अनंत प्रताप देव व तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भवनाथपुर में 19 फरवरी 2014 को 1320 मेगावाट विद्युत शक्ति गृह परिसर का शिलान्यास कर एक आशा की किरण जगायी थी. उसके बाद से लोगों के मन में एक विश्वास पैदा हो गया कि अब वीरान हो चुका भवनाथपुर एक बार फिर से गुलजार होगा. रोजगार मिलेगा, नौकरियां मिलेंगी, दुकान चलेंगे, समय परिवर्तन होगा. लेकिन भवनाथपुर की जनता को तब आघात पहुंचा, जब 20 मार्च 2025 को वर्तमान विधायक ने पावर प्लांट के सवाल पर सरकार का नकारात्मक जवाब मिला. पिछले 11 वर्षों से लोग इस उम्मीद को संजोए हुए थे की पावर प्लांट लगेगा और जरूर लगेगा. वर्तमान में विधानसभा के हुए चुनाव में वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नगर ऊंटरी के गोसाई बाग के मैदान में यह वादा किया था की भवनाथपुर में पावर प्लांट जरूर लगेगा. लेकिन इस सरकार के जवाब से निराशा हाथ लगी.विधायक अनंत प्रताप देव ने विधानसभा में 1320 मेगावाट पावर प्लांट लगाने के सवाल पर सवाल पूछा तो सरकार का जबाब मिला कि मेसर्स पीएफसी कंसलटिंग लिमिटेड का पत्रांक 03/A049/2008/ लैंड 05 दिनांक 9 जनवरी 2017 द्वारा भवनाथपुर परियोजना स्थल को मिनरल बियरिंग एरिया घोषित कर अनुपयोगी करार दिया गया था.साथ ही मेसर्स कर्णपुरा एनर्जी लिमिटेड के दिनांक 5 सितंबर 2017 को संपन्न हुई 20 वीं बोर्ड की बैठक में भवनाथपुर के जगह पावर प्लांट अन्यत्र स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया था. सरकार ने जबाब दिया कि भवनाथपुर परियोजना के नाम से कोयला मंत्रालय भारत सरकार के पत्रांक 13016/04/02015 दिनांक 27 दिसंबर 2019 को भवनाथपुर के लिए प्रस्तावित 1320 मेगावाट बिजली के लिए एसपीभी मेसर्स कर्णपुरा एनर्जी लिमिटेड को आवंटित मौर्या कोल ब्लॉक आवंटित को रद्द कर दिया गया था. ऐसी परिस्थिति में भवनाथपुर में पावर प्लांट लगाना आसमान से तारे तोड़ने के समान होगा.
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