गढ़वा.
गढ़वा जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम, सीएचओ, एसटीएस, एसटीएलएस, एलटी एवं जिला यक्ष्मा केंद्र के सभी कर्मियों के लिए साेमवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. जिला यक्ष्मा केंद्र के सभागार में सभी स्वास्थ्य कर्मियों को द साईं टेस्ट का प्रशिक्षण दिया गया. इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार एवं जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रामसुंदर सिंह भी मौजूद थे. प्रशिक्षण में एसडीपीएस जितेंद्र कुमार, एसटीएस कन्हैया कुमार एवं लेबोरेटरी सुपरवाइजर अरविंद कुमार अग्रवाल ने सहयोग किया. प्रशिक्षण में यक्ष्मा पदाधिकारी ने बताया कि पल्मोनरी टीबी पॉजिटिव (धनात्मक) व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों का जांच की जाती है. जांच में धनात्मक पाये जाने पर तब प्रीवेंटिव थेरेपी दी जाती है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि टीबी के संक्रमण को कम करते हुए यक्ष्मा उन्मूलन का लक्ष्य हासिल किया जा सके. सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने कहा कि यक्ष्मा उन्मूलन के क्षेत्र में यह प्रशिक्षण मील का पत्थर साबित होगा. यह आवश्यक है कि इसका सही तरीके से क्रियान्वयन पूरे जिले स्तर पर हो तथा प्रशिक्षण में आये सभी कर्मी इसका अनुपालन करें. उन्होंने कहा कि समय एवं परिस्थिति के हिसाब से किसी भी स्वास्थ्य कार्यक्रम में समय-समय पर बदलाव होता है तथा उसमें नये-नये तरीके ईजाद कर जोड़े जाते हैं. आज टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है. बस यह जरूरी है कि सही समय पर इसकी जांच हो एवं दवा नियमित तरीके से लिये जायें. इसमें सबसे महत्वपूर्ण कड़ी लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है. उन्होंने कहा कि बीमारी को छुपायें नहीं तथा इसके लक्षणदिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इसकी जानकारी दें. उपस्थित लोग : मौके पर यक्ष्मा डीपीसी डॉ पुरूषेश्वर मिश्र, पीपीएम समन्वयक मो नुरुल्लाह अंसारी, लेखापाल निशांत कुमार सिन्हा व एलटी विश्वास कुमार शर्मा सहित सभी यक्ष्मा कर्मी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

