कोलकाता, दिल्ली, पटना, रांची, रायपुर, वाराणसी व सासाराम के लिए सीधी बस सेवा
नवनिर्मित बस स्टैंड में एक साथ 20 बसों की पार्किंग व्यवस्था है, जिससे यातायात पहले की तुलना में अधिक सुगम हुआ है. यहां से झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों के साथ-साथ नई दिल्ली और कोलकाता तक सीधी बस सेवाएं उपलब्ध हैं. प्रतिदिन 100 से अधिक बसें यहां से होकर गुजरती हैं, जिससे परिसर हमेशा सक्रिय एवं व्यस्त रहता है. बस स्टैंड परिसर में 48 से अधिक दुकानों का निर्माण किया गया है, जिनमें से 10 मुख्य भवन में स्थित हैं. पुरुष एवं महिलाओं के लिए अलग शौचालय, दोपहिया व चारपहिया पार्किंग, पर्याप्त बैठने की व्यवस्था जैसे सुविधाएं इसे आधुनिक बस अड्डों की श्रेणी में शामिल करती हैं. मुख्य भवन के प्रथम तल पर महिला एवं पुरुष डॉरमेट्री, कार्यालय, रसोई और रेस्टोरेंट भी बनाये गये हैं, जिनका उद्देश्य यात्रियों को न्यूनतम शुल्क पर आराम की सुविधा प्रदान करना है.
कुछ सुविधाएं अब भी चालू नहीं, यात्रियों को हो रही दिक्कतें
1993 में हुई थी स्थापना, तीन दशक बाद मिला नया स्वरूप
गढ़वा के अंतरराज्यीय बस स्टैंड का इतिहास भी काफी पुराना है. वर्ष 1991 में गढ़वा जिला बनने के बाद से ही एक व्यवस्थित बस स्टैंड की मांग लगातार उठती रही. इसी क्रम में 1993 में तत्कालीन उपायुक्त एसके सत्पथी ने सोनपुरवा में बस स्टैंड की स्थापना की. उस समय यात्रियों के लिए एस्बेस्टस की छत वाला एक साधारण शेड ही उपलब्ध था, जो बढ़ते आवागमन के अनुरूप अपर्याप्त था. तीन दशक तक आधुनिक बस अड्डे की मांग जारी रही और अंतत: वर्ष 2024 में इसका नवनिर्माण कार्य पूरा हुआ.जाम से होती है परेशानी : जुबैर अख्तर
बस अभिकर्ता जुबैर अख्तर ने कहा कि नया बस स्टैंड स्वच्छ और आकर्षक है, लेकिन क्षमता से अधिक वाहनों के कारण यहां आये दिन जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है. लंबी दूरी की बसें रातभर और दिनभर स्टैंड में खड़ी रहती हैं, जिससे जगह कम पड़ जाती है. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि बसें निर्धारित प्रस्थान समय से अधिकतम तीन घंटे पहले ही स्टैंड में खड़ी हों. सुबह प्रस्थान करने वाली बसें पूरी रात और दिनभर स्टैंड में न रहें, ताकि जाम की स्थिति से बचा जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

