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गढ़वा अंतरराज्यीय बस स्टैंड बना क्षेत्रीय परिवहन का मजबूत केंद्र

कोलकाता, दिल्ली, पटना, रांची, रायपुर, वाराणसी व सासाराम के लिए सीधी बस सेवा

कोलकाता, दिल्ली, पटना, रांची, रायपुर, वाराणसी व सासाराम के लिए सीधी बस सेवा

जितेंद्र सिंह, गढ़वा उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ से सटे होने के कारण गढ़वा लंबे समय से एक प्रमुख परिवहन केंद्र के रूप में पहचाना जाता रहा है. गढ़वा शहर से 10 किमी दूर स्थित गढ़वा रोड (रेहला) जंक्शन दिल्ली और कोलकाता जैसे महानगरों से सीधी रेल सुविधा देता है, वहीं शहर से रांची, वाराणसी, गया, पटना, कोलकाता, दिल्ली, रायपुर, अंबिकापुर सहित कई प्रमुख शहरों के लिए नियमित बस सेवा भी उपलब्ध है. इसी परिवहन मजबूती को नयी दिशा देने के उद्देश्य से सोनपुरवा में आधुनिक अंतरराज्यीय बस स्टैंड का निर्माण किया गया. तत्कालीन मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर की पहल पर करीब चार करोड़ रुपये की लागत से बने इस अत्याधुनिक बस स्टैंड का उद्घाटन 3 मार्च 2024 को तत्कालीन मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने किया था. जनता को एक व्यवस्थित और सुरक्षित बस अड्डे की लंबे समय से आवश्यकता महसूस हो रही थी, जिसे अब नया स्वरूप मिल चुका है.

एक साथ 20 बसों की पार्किंग की है व्यवस्था

नवनिर्मित बस स्टैंड में एक साथ 20 बसों की पार्किंग व्यवस्था है, जिससे यातायात पहले की तुलना में अधिक सुगम हुआ है. यहां से झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों के साथ-साथ नई दिल्ली और कोलकाता तक सीधी बस सेवाएं उपलब्ध हैं. प्रतिदिन 100 से अधिक बसें यहां से होकर गुजरती हैं, जिससे परिसर हमेशा सक्रिय एवं व्यस्त रहता है. बस स्टैंड परिसर में 48 से अधिक दुकानों का निर्माण किया गया है, जिनमें से 10 मुख्य भवन में स्थित हैं. पुरुष एवं महिलाओं के लिए अलग शौचालय, दोपहिया व चारपहिया पार्किंग, पर्याप्त बैठने की व्यवस्था जैसे सुविधाएं इसे आधुनिक बस अड्डों की श्रेणी में शामिल करती हैं. मुख्य भवन के प्रथम तल पर महिला एवं पुरुष डॉरमेट्री, कार्यालय, रसोई और रेस्टोरेंट भी बनाये गये हैं, जिनका उद्देश्य यात्रियों को न्यूनतम शुल्क पर आराम की सुविधा प्रदान करना है.

कुछ सुविधाएं अब भी चालू नहीं, यात्रियों को हो रही दिक्कतें

स्थानीय लोगों का कहना है कि डॉरमेट्री और रेस्टोरेंट अभी संचालित नहीं हो पाये हैं. शौचालयों की नियमित सफाई न होने और कई दुकानों के उपयोग में न आने से यात्रियों को परेशानी हो रही है. इससे राजस्व और व्यावसायिक गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा है. इसके बावजूद यह बस अड्डा वर्षों से जर्जर अवस्था में पड़े पुराने स्टैंड की तुलना में कहीं अधिक आधुनिक और सुरक्षित है. सीमावर्ती जिलों के लोगों की बढ़ती आवाजाही को देखते हुए यह परिसर क्षेत्रीय परिवहन की रीढ़ बनता जा रहा है. यात्रियों का मानना है कि यदि रखरखाव और सभी सुविधाओं को पूरी तरह से चालू कर दिया जाये, तो यह बस स्टैंड राज्य के सर्वश्रेष्ठ बस अड्डों में शामिल हो सकता है.

1993 में हुई थी स्थापना, तीन दशक बाद मिला नया स्वरूप

गढ़वा के अंतरराज्यीय बस स्टैंड का इतिहास भी काफी पुराना है. वर्ष 1991 में गढ़वा जिला बनने के बाद से ही एक व्यवस्थित बस स्टैंड की मांग लगातार उठती रही. इसी क्रम में 1993 में तत्कालीन उपायुक्त एसके सत्पथी ने सोनपुरवा में बस स्टैंड की स्थापना की. उस समय यात्रियों के लिए एस्बेस्टस की छत वाला एक साधारण शेड ही उपलब्ध था, जो बढ़ते आवागमन के अनुरूप अपर्याप्त था. तीन दशक तक आधुनिक बस अड्डे की मांग जारी रही और अंतत: वर्ष 2024 में इसका नवनिर्माण कार्य पूरा हुआ.

जाम से होती है परेशानी : जुबैर अख्तर

बस अभिकर्ता जुबैर अख्तर ने कहा कि नया बस स्टैंड स्वच्छ और आकर्षक है, लेकिन क्षमता से अधिक वाहनों के कारण यहां आये दिन जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है. लंबी दूरी की बसें रातभर और दिनभर स्टैंड में खड़ी रहती हैं, जिससे जगह कम पड़ जाती है. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि बसें निर्धारित प्रस्थान समय से अधिकतम तीन घंटे पहले ही स्टैंड में खड़ी हों. सुबह प्रस्थान करने वाली बसें पूरी रात और दिनभर स्टैंड में न रहें, ताकि जाम की स्थिति से बचा जा सके.

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