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भवनाथपुर में स्वास्थ्य सेवा बदहाल, सीएचसी बना ‘रेफर सेंटर’

ढाई लाख की आबादी केवल तीन डॉक्टर व दो नियमित कर्मी कार्यरत

ढाई लाख की आबादी केवल तीन डॉक्टर व दो नियमित कर्मी कार्यरत

विजय सिंह, भवनाथपुर

गढ़वा जिले के भवनाथपुर प्रखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बदहाल हो चुकी है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) भवनाथपुर में चिकित्सक, कर्मी, भवन और संसाधनों के अभाव में इलाज व्यवस्था लगातार लचर होती जा रही है. स्थिति यह है कि यह केंद्र अब मरीजों के इलाज के बजाय ‘रेफर सेंटर’ बनकर रह गया है. भवनाथपुर, खरौंधी और केतार प्रखंड के करीब ढाई लाख की आबादी का स्वास्थ्य जिम्मा इसी सीएचसी पर है, लेकिन यहां स्वीकृत 10 पदों में केवल तीन डॉक्टर पदस्थापित हैं. वहीं स्वीकृत 42 कर्मियों में से केवल दो नियमित कर्मी कार्यरत हैं. वर्तमान में अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए बने पुराने और जर्जर चार कमरों वाले भवन में संचालित हो रहा है. वर्ष 2007 में करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से नये सीएचसी भवन का शिलान्यास तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही ने किया था, लेकिन निर्माण कार्य मानक के अनुरूप नहीं हुआ. परिणामस्वरूप उस भवन का उपयोग विभाग नहीं कर सका. अब विभाग उस जर्जर भवन को तोड़कर नया टेंडर निकालने की तैयारी में है. भवन नहीं होने के कारण सीएचसी स्तर की कई आधुनिक मशीनें और सामग्री धूल खा रही हैं. अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर, कर्मी और भवन निर्माण की मांग को लेकर कई बार विभाग को लिखित रूप में पत्र भेजा, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.

जांच व सुविधाओं का अभाव

सीएचसी में सीबीसी मशीन पिछले 15 दिनों से खराब पड़ी है, जिसके कारण रक्त जांच नहीं हो पा रही है. मरीजों को जांच के लिए बाहर जाना पड़ रहा है. डॉक्टरों का रोस्टर चार्ट तो लगाया गया है, लेकिन अधिकांश चिकित्सक समय पर ड्यूटी नहीं करते. उनकी जगह सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) कार्यभार संभालते हैं. अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ का अभाव है, जिससे महिलाओं को इलाज में भारी परेशानी होती है. वहीं कई डॉक्टर दवा उपलब्ध न रहने का हवाला देकर मरीजों को बाहर की महंगी दवा लिख देते हैं. सीएचसी परिसर के आसपास अवैध रूप से मेडिकल दुकान और जांच घर संचालित हैं. कुछ माह पूर्व सिविल सर्जन डॉ जान एफ केनेडी के निर्देश पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिनेश कुमार सिंह ने इन्हें अनुज्ञप्ति नवीनीकरण कराने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक इसका कोई असर नहीं दिखा है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि विभाग शीघ्र सुधारात्मक कदम नहीं उठाता, तो भवनाथपुर में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो जायेंगी.

कोट

उपलब्ध संसाधन में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. जो भी कमी है उसे दूर करने के लिए विभाग को लिखा गया है

डॉ दिनेश सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

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