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रमकंडा में पुल निर्माण में धांधली का आरोप, ग्रामीणों ने काम बंद कराया

गढ़वा जिले के रमकंडा प्रखंड के उदयपुर चेटे रोड पर पटसर गांव के समीप बन रहे 1.81 करोड़ रुपये के पुल निर्माण में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने रविवार को निर्माण कार्य बंद करा दिया.

प्रतिनिधि, रमकंडा गढ़वा जिले के रमकंडा प्रखंड के उदयपुर चेटे रोड पर पटसर गांव के समीप बन रहे 1.81 करोड़ रुपये के पुल निर्माण में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने रविवार को निर्माण कार्य बंद करा दिया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन बन रहे इस पुल में प्रतिबंधित मिट्टीयुक्त बालू का उपयोग किया जा रहा है, वहीं पुल के दोनों ओर संपर्क पथ के लिए बनाये जाने वाले गार्डवॉल को लेकर भी ग्रामीण विरोध कर रहे हैं.

विधायक प्रतिनिधि के नेतृत्व में ग्रामीणों का विरोध

विधायक प्रतिनिधि ज्ञानरंजन पाण्डेय के नेतृत्व में पहुंचे ग्रामीणों ने निर्माण कार्य में हो रही धांधली को लेकर संवेदक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. विधायक प्रतिनिधि के साथ भाजपा नेता मंटू दुबे, ग्रामीण सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता, रामचंद्र प्रसाद, अरुण परहिया, वीरेंद्र साव, अजय प्रसाद, गोपाल प्रसाद सहित अन्य ने बताया कि संवेदक संपर्क पथ के लिए गार्डवॉल का निर्माण आदिम जनजाति परिवार के रैयत अरुण परहिया की रैयती जमीन पर कर रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक को जमीन की मापी कराने की बात कही गयी थी. लेकिन उसने रैयत को केस करने की धमकी देकर डरा दिया और उसकी निजी जमीन पर गार्डवॉल बनाना शुरू कर दिया.

अनियमितताओं का पुराना इतिहास और विभागीय निष्क्रियता

रैयत अरुण सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक पूर्व में भी अक्सर लोगों को केस करने की धमकी देकर निर्माण कार्य में अनियमितता बरता रहा है. ग्रामीणों की ओर से विभागीय अधिकारियों के पास शिकायतें भी की गयी थी और जांच में गड़बड़ी की पुष्टि भी हुई. लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण सामग्री कम गुणवत्ता की लगायी जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि संपर्क पथ में भरी जा रही मिट्टी किसानों के खेतों में जमा हो जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों को खेती में परेशानी होने की चिंता सताने लगी है. ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि जब तक सामग्री में सुधार और रैयत की समस्या का समाधान नहीं होता, तब तक निर्माण कार्य बंद रहेगा.

प्रतिबंधित बालू का धड़ल्ले से कर इस्तेमाल

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व के कनीय अभियंता प्रेमतोष कुमार ने निर्माण स्थल पर गिरायी गयी हाठू नदी के मिट्टीयुक्त बालू को प्रतिबंधित कर दिया था और कोयल नदी से बेहतर बालू लाकर काम करने के निर्देश दिये थे. लेकिन अब नए कनीय अभियंता पंकज कुमार के आते ही संवेदक, उसी प्रतिबंधित मिट्टीयुक्त बालू से काम कर रहा है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कनीय अभियंता को पिछले दिनों इसकी जानकारी दी गयी थी. लेकिन उन्होंने इस मामले को अनसुना कर दिया. उनका सीधा आरोप है कि कनीय अभियंता की मिलीभगत से संवेदक घटिया सामग्री से काम कर रहा है और शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पूर्व में भी गड़बड़ी का विरोध करने पर संवेदक मेसर्स अभय कुमार सिंह यहां के लोगों को सीधे एफआइआर की धमकी देता रहा है.

विधायक प्रतिनिधि को भी प्राथमिकी की धमकी

निर्माण कार्य बंद कराने पहुंचे विधायक प्रतिनिधि ज्ञानरंजन पाण्डेय को निर्माण कार्य के मुंशी ने अपने फोन से संवेदक से बात करायी. इस दौरान पाण्डेय ने ग्रामीणों की समस्या का समाधान और गुणवत्तापूर्ण काम करने की बात कही और समाधान होने तक काम बंद रखने की बात कही. जानकारी देते हुए पाण्डेय ने कहा कि इस बातचीत के दौरान संवेदक ने निर्माण बंद कराने पर उन पर एफआइआर की धमकी दे दी. पाण्डेय ने दृढ़ता से कहा कि निर्माण कार्य में बरती जा रही अनियमितता में सुधार और रैयत की समस्या का समाधान होने तक निर्माण बंद रहेगा.

एइ ने विरोध को बताया अनुचित

इस संबंध में पूछे जाने पर सहायक अभियंता (एइ) अंकुर चौरसिया ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी मिली है, लेकिन ग्रामीणों का विरोध अनुचित है. उन्होंने कहा कि फोन पर वहां के मामले को नहीं बता सकते.

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