Advertisement
अद्वितीय था निरालाजी का व्यक्तित्व : राकेश
गढ़वा : संस्कार भारती गढ़वा इकाई के तत्वावधान में महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती मनायी गयी़ स्थानीय श्रीकृष्ण अनुमंडलीय पुस्तकालय में आयोजित इस जयंती समारोह का उदघाटन मुख्य अतिथि गढ़वा एसडीओ राकेश कुमार, विशिष्ट अतिथि अवर न्यायाधीश विनोद तिवारी, संस्कार भारती के प्रांतीय साहित्य प्रमुख डॉ नथुनी पांडेय आजाद व पलामू विभाग प्रमुख नीरज […]
गढ़वा : संस्कार भारती गढ़वा इकाई के तत्वावधान में महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती मनायी गयी़ स्थानीय श्रीकृष्ण अनुमंडलीय पुस्तकालय में आयोजित इस जयंती समारोह का उदघाटन मुख्य अतिथि गढ़वा एसडीओ राकेश कुमार, विशिष्ट अतिथि अवर न्यायाधीश विनोद तिवारी, संस्कार भारती के प्रांतीय साहित्य प्रमुख डॉ नथुनी पांडेय आजाद व पलामू विभाग प्रमुख नीरज श्रीधर ने संयुक्त रूप से किया़
इस अवसर पर सर्वप्रथम विषय प्रवेश डॉ नथुनी पांडेय आजाद ने कराया़ उन्होंने इस दौरान अपनी रचना के माध्यम से वसंत ऋतु का चित्रण प्रस्तुत किया़ मुख्य अतिथि राकेश कुमार ने कहा कि निरालाजी का व्यक्तित्व अद्वितीय था़
उनकी रचनाएं उनके व्यक्तित्व का प्रतिबिंब हैं. इस दौरान उन्होंने निरालाजी के जीवन से जुड़ी कई संस्मरणों का उल्लेख किया़ एसडीओ ने इस दौरान अनुमंडलीय पुस्तकालय की स्थिति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसे सुसज्जित व अत्याधुनिक बनाने के लिए प्रयास शुरू हो चुके हैं.
इसमें स्थानीय समाजसेवी काफी सहयोग कर रहे हैं. जल्द ही पुस्तकालय की स्थिति बदल जायेगी़ अवर न्यायाधीश विनोद तिवारी ने कहा कि गढ़वा में साहित्य के क्षेत्र में इतनी रुचि देख कर काफी सुखद अनुभूति हो रही है़ उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से समाज को लाभ मिलेगा़ इस दौरान अवर न्यायाधीश ने रंग गयी पग-पग धन्य धरा… नामक अपनी रचना भी प्रस्तुत कर श्रोताओं को प्रभावित किया़
वरीय साहित्यकार सुरेंद्र कुमार मिश्र ने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि निरालाजी के व्यक्तित्व में जहां एक तरफ अखड़पन दिखता है, वहीं दूसरी ओर सरोज स्मृति में उनका कोमल व्यथित मन भी झलकता है़ इसके अलावा जागो फिर एक बार व राम की शक्तिपूजा के माध्यम से उनका देशप्रेम भी दिखता है़
इस मौके पर साहित्यिक मंच के सचिव सतीश कुमार मिश्र, नमस्कार तिवारी ने भी निरालाजी की जीवनी पर प्रकाश डाला़, जबकि रचनाकार सुरेश मानस, राजकिशोर राय, शिक्षक रामाशंकर देव, आशीष दुबे, प्रमोद कुमार आदि ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों को प्रभावित किया़ कार्यक्रम की शुरुआत यासमीन सब्बा, नाजिया खातून व अंजली शाश्वत के वर वे वीणावादिनी… गीत से हुई. कार्यक्रम का संचालन अंजली शाश्वत ने व धन्यवाद ज्ञापन जिला साहित्य प्रमुख डॉ रमेश चंचल ने किया़
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement