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निजी सहायक से रिकवरी की जायेगी गबन की राशि
भारत गैस एजेंसी से 13,77,922 रुपये गबन का खुलासा भवनाथपुर : सहकारिता साख समिति के निर्वाचित सदस्यों की मंगलवार की शाम सेल आरएमडी के विश्रामागार में हुई बैठक काफी हंगामेदार रही़ बैठक में सहकारिता समिति द्वारा संचालित भारत गैस एजेंसी से 14 लाख रुपये गबन के मामले का खुलासा हुआ़ हंगामे के बाद समिति के […]
भारत गैस एजेंसी से 13,77,922 रुपये गबन का खुलासा
भवनाथपुर : सहकारिता साख समिति के निर्वाचित सदस्यों की मंगलवार की शाम सेल आरएमडी के विश्रामागार में हुई बैठक काफी हंगामेदार रही़ बैठक में सहकारिता समिति द्वारा संचालित भारत गैस एजेंसी से 14 लाख रुपये गबन के मामले का खुलासा हुआ़ हंगामे के बाद समिति के निजी सहायक केके पांडेय से गबन की गयी राशि के वसूलने पर सहमति बनी़
विदित हो कि सेल आरएमडी भवनाथपुर खदान समूह द्वारा संचालित सहकारिता साख समिति के सदस्यों की बैठक समिति के अध्यक्ष सह कार्मिक प्रबंधन सूर्यकांत चतुर्वेदी की अध्यक्षता में बुलायी गयी थी़ बैठक में सदस्यों ने गबन करनेवाले एवं सहयोग करनेवाले पर ही कार्रवाई को लेकर हंगामा कर रहे थे़
सदस्यों ने कहा कि चेयरमैन, सचिव तथा लेखापाल सदस्यों को बगैर जानकारी दिये पिछले आठ माह से काम कर रहे हैं. यह बड़े घोटाले को दर्शाता है़ समिति के निजी सहायक केके पांडेय पर भारत गैस एजेंसी का करीब 250 सिलिंडर का 1377922 रुपये के गबन का पर्दाफाश हुआ़
बैठक में कहा गया कि केके पांडेय को 28 फरवरी को ही सेवानिवृत्त कर दिया गया है़ सदस्यों ने कहा कि जब 18 महीने से निजी सहायक गबन कर रहे थे, तो आखिर लेखापाल, अध्यक्ष व सचिव की इसमें क्या भूमिका थी़ बैठक में निर्णय लिया गया कि सहायक पांडेय को संविदा पर नियुक्त कर उनके द्वारा गबन की गयी राशि को वसूला जायेगा. बैठक में सचिव श्रीकांत चौबे, सदस्य कालीचरण मेहरा, नथुनी यादव, हरेकृष्णा साव, सुशील चौबे, अरविंद सिंह, प्रेमा देवी, एनके पांडेय, लेखापाल आरसी मिश्रा आदि उपस्थित थे़
गौरतलब है कि पिछले साल नकाबपोश अपराधियों द्वारा दिन-दहाड़े गैस एजेंसी से लूट हुई थी़ चर्चा है कि लूट के बाद गबन करनेवालों को साक्ष्य मिटाने का अवसर मिल गया़ समिति में कार्यरत निजी कर्मी केके पांडेय को 58 वर्ष बता कर जबरन सेवानिवृत्त कर दिया गया़ इसके बाद से ही समिति के सदस्य दो गुट में बंट गये थे़
एक पक्ष के लोग पांडेय को बहाल करने मांग कर रहे थे तो दूसरे पक्ष के लोग उसे बहाल करने के पक्ष में नहीं थे़ इस बीच गैस एजेंसी से गबन का मामला सड़कों पर आने के बाद समिति के अध्यक्ष व सचिव ने इसकी जांच की थी़ जांच के पश्चात सहायक पर गबन की उन्होंने पुष्टि की़ गबन की पुष्टि होने के बाद 15 दिन पूर्व पांडेय ने 5.75 लाख रुपये जमा भी कर दिये. शेष पैसे को उनसे रिकवरी करने के उद्देश्य से उन्हें अस्थायी रूप से समिति में बहाल करने पर सहमति बनी है़
जांच की मांग की गयी थी
सेल आरएमडी द्वारा संचालित सहकारिता साख समिति में घोटाले को लेकर समिति के सदस्य सुशील चौबे द्वारा उपायुक्त से लेकर झारखंड सरकार के सहकारिता उच्च अधिकारी तक जांच के लिए गुहार लगायी गयी थी़ गबन करने की जांच सहकारिता पदाधिकारी नवल किशोर प्रसाद जिसमें फरजी चेक काटकर गबन करने की पुष्टि की गयी थी़
मैंने कोई राशि गबन नहीं की है : केके पांडेय
इस संबंध में सहायक केके पांडेय ने कहा कि उन्होंने राशि की गबन नहीं की है. चेयरमैन ने उन्हें सेवानिवृत्त कर एजेंसी का ताला तोड़ कर राशि का गबन किया है़ गबन की लीपापोती कर अब उनके मत्थे मढ़ा जा रहा है़ एक साल पहले उन्होंने समिति से 4.50 लाख रुपये लोन लिया था़ वे उसी राशि के देनदार हैं, जो सेवानिवृत्त के समय उनके द्वारा हिसाब कर दिया गया है़
रिकवरी की प्रक्रिया चल रही है : अध्यक्ष
समिति के अध्यक्ष सूर्यकांत चतुर्वेदी ने कहा है कि केके पांडेय ने बड़ी राशि की गबन की थी. उनकी सेवानिवृत्ति के बाद हिसाब कर शेष 1377922 रुपये जो बचे थे, उसकी रिकवरी की प्रक्रिया चल रही है़
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