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ग…ओके…जीवन में संभलने के लिए सत्संग जरूरी : योगेश्वरी

ग…अोके…जीवन में संभलने के लिए सत्संग जरूरी : योगेश्वरीफोटो – प्रवचन करते योगेश्वरी.नगरऊंटारी (गढ़वा). स्थानीय प्लस टू उच्च विद्यालय के परिसर में श्री रामकथा आयोजन समिति के तत्वाधान में चल रहे मानस कथा के छठे दिन झांसी से आयीं प्रवचनकर्ता योगेश्वरी ने कहा कि कथा सुनने वही आते हैं, जिन पर ईश्वर की कृपा होती […]

ग…अोके…जीवन में संभलने के लिए सत्संग जरूरी : योगेश्वरीफोटो – प्रवचन करते योगेश्वरी.नगरऊंटारी (गढ़वा). स्थानीय प्लस टू उच्च विद्यालय के परिसर में श्री रामकथा आयोजन समिति के तत्वाधान में चल रहे मानस कथा के छठे दिन झांसी से आयीं प्रवचनकर्ता योगेश्वरी ने कहा कि कथा सुनने वही आते हैं, जिन पर ईश्वर की कृपा होती है. उन्होंने कहा कि कथा एक एेसा सरोवर है, जिसमें साधारण लोग गोता नहीं लगा पाते हैं. उन्होंने कहा कि इरादे रोज बनाते हैं अौर बिगड़ जाते हैं. कथा सुनने वही आते हैं, जिसे ईश्वर बनाते हैं. उन्होंने कहा जीवन में संभलने के लिए सत्संग व भगवान की कथा की आवश्यकता है. जब तक परिवार में अनुराग व विश्वास होता है, ऊंच-नीच का भाव नहीं होता है, तब तक परिवार संगठित रहता है. लेकिन जैसे ही परिवार में विषमता का चश्मा लग जाता है, परिवार का विखंडन हो जाता है, टूट जाता है. उन्होंने कहा कि चौथेपन में मनुष्य को भक्ति करना चाहिए. शीशा रूपी दर्पण में इंसान सुबह से शाम तक अपनी ही छवि को देखता है अौर अपने चेहरे पर दाग साफ करता है. लेकिन मानस रूपी दर्पण मनुष्य के चरित्र में लगे दाग को मिटाता है. प्रवचन में डॉ धर्मचंद लाल अग्रवाल, गदाधर पांडेय, कामेश्वर प्रसाद, खुशदिल सिंह, शिवशंकर प्रसाद राणा प्रताप देव श्रवण कुमार, अलख पांडेय, तेज प्रताप पांडेय सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिला व पुरुष उपस्थित थे.

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