आइएमएम व सहिया संघ आमने-सामने मामला गढ़वा सदर अस्पताल में महिला चिकित्सक व सहिया के बीच मारपीट का चिकित्सक संघ व सहिया संघ दोनों ने आंदोलन की धमकी दीप्रभावित हो सकती है गढ़वा में चिकित्सीय सेवा16जीडब्ल्यूपीएच21- हड़ताल तोड़ने के लिए चिकित्सकों से बात करते सिविल सर्जन प्रतिनिधि, गढ़वा. गढ़वा सदर अस्पताल में गुरुवार की रात महिला चिकित्सक डॉ नीतू सिंह व तिवारी मरहटिया की सहिया शकुंती देवी के बीच मारपीट के मामले के बाद चिकित्सक संघ व सहिया संघ दोनों एक-दूसरे के खिलाफ आंदोलन की ओर हैं. इसका असर सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा पर पड़ रही है. चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें सुरक्षा नहीं दी गयी तथा दोषी पर कार्रवाई नहीं हुई, तो ओपीडी सेवा इसी तरह से वे ठप रखेंगे. इधर सहिया संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सहिया के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई हुई, तो पूरे जिले की सहिया व बीटीटी आंदोलन पर उतरने के लिए विवश होंगे. इसके कारण गढ़वा जिले में स्वास्थ्य सेवा प्रभावित होने की आशंका बन गयी है. समाचार के अनुसार गढ़वा प्रखंड के तिवारी मरहटिया निवासी प्रभा देवी का प्रसव कराने के लिये गुरूवार की शाम में वहां की सहिया शकुंती देवी लेकर आयी हुयी थी. सहिया की माने तो उसने प्रसव के बाद मरीज के डिस्चार्ज के लिये पंजी में उसका नाम दर्ज करने एवं हस्ताक्षर के लिए एएनएम पूजा कुमारी को खोज रही थी. लेकिन उस समय उक्त एएनएम महिला चिकित्सक डॉ नीतू सिंह व डॉ रागिनी अग्रवाल के साथ ऑपरेशन कक्ष में थी. डिस्चार्ज में विलंब होने पर सहिया द्वारा शोर किये जाने के बाद डॉ नीतू सिंह बाहर निकली और इसी दौरान उनका सहिया के साथ तू-तू,मैं-मैं हो गयी. बात आगे बढ़ी और फिर दोनों के बीच मारपीट भी हुई. बकौल डॉ नीतू सिंह सहिया शकुंती देवी ने उनके साथ गाली-गलौज करते हुए पहले थप्पड़ से गाल पर मारा और इसके बाद लात-घूंसों से उसके पेट में भी मारा. यह वाक्या देख वहां डॉ रागिनी अग्रवाल, एएनएम सबिता सिन्हा व पूजा कुमारी, चिकित्साकर्मी विजय कुमार मौके पर पहुंचकर किसी तरह दोनों को अलग किया. इस घटना की जानकारी मिलते ही सदर अस्पताल में पदस्थापित सभी चिकित्सक शुक्रवार को अस्पताल पहुंच कर घटना की तहकीकात की और इसके बाद वे ओपीडी सेवा का बहिष्कार कर दिये. डॉ नीतू सिंह द्वारा सहिया शंकुती देवी के खिलाफ गढ़वा थाने में आवेदन देने के पश्चात उस पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. इधर रात की घटना को लेकर चिकित्सकों को गोलबंद होते देख जिले की सभी सहिया भी जिला सहिया संघ की अध्यक्षा संयोगिता देवी की अध्यक्षता में एकजुट हुई और उन्होंने ने भी गढ़वा थाने में डॉ नीतू सिंह के खिलाफ प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया. प्राथमिकी में उन्होंने डॉ नीतू सिंह पर जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल कर गाली-गलौज करने, बाल पकड़कर खींचने एवं गला पकड़ कर पटकने का आरोप लगाया है. प्राथमिकी में सहिया ने कहा है कि शाम में वह प्रसव के लिए प्रभा देवी को सदर अस्पताल में लायी थी. प्रसव के पश्चात डिस्चार्ज के लिए वह एएनएम पूजा कुमारी को खोज रही थी. इसी बीच डॉ नीतू सिंह ऑपरेशन कक्ष से बाहर निकली और उसके साथ गाली-गलौज करने लगी. सहिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सहिया की ओर से भी डॉ नीतू सिंह के खिलाफ प्राथमिकी के लिए थाने में आवेदन आने के बाद पुलिस पर भी दबाव बढ़ गया है. बहरहाल थाना प्रभारी निरंजन कु मार का कहना है कि वे दोनों के आवेदन की जांच कर रहे हैं. इसके बाद ही अग्रेतर कार्रवाई होगी.आंदोलन पर उतरेंगी सहियागढ़वा जिला सहिया संघ की अध्यक्ष संयोगिता देवी ने कहा कि यदि प्रशासन सहिया के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करती है, तो जिलेभर की सभी 1211 सहिया एवं बीटीटी शनिवार से आंदोलन पर उतरने के लिये विवश होंगी. उन्होंने कहा कि वे इस मामले को लेकर शनिवार को धरना देने का निर्णय ले रही हैं. उन्होंने कहा कि डॉ नीतू सिंह का सहिया के साथ मारपीट व दुर्व्यवहार की घटना पहली नहीं है. बल्कि यह तीसरी घटना है. उन्होंने कहा कि इसके पूर्व डॉ पुष्पा सहगल द्वारा भी एक सहिया के साथ मारपीट की गयी थी. इस तरह सहिया का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. भ्रष्टाचार का लगाया आरोपसहिया संघ की ओर से गढ़वा सदर अस्पताल में महिला चिकित्सकों द्वारा प्रसव के लिए आये मरीजों के साथ सही बर्ताव नहीं करने व विशेषकर मरीज लानेवाली सहिया के साथ अक्सर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है. संघ की अध्यक्ष संयोगिता देवी ने कहा कि दरअसल सदर अस्पताल में पदस्थापित अधिकांश महिला चिकित्सक चाहती हैं कि कोई भी प्रसव का मरीज सहिया सदर अस्पताल में लाने के बजाय उनके निजी क्लीनिक में लाये. लेकिन जब सहिया प्रसव के लिए महिलाओं को सदर अस्पताल में ले आती हैं, तो उन्हें सहिया के प्रति गुस्सा रहता है. यही वजह है कि महिला चिकित्सक अक्सर सहिया के साथ दुर्व्यवहार क रती हैं.घटना निंदनीय है : सीएसघटना के संबंध में सिविल सर्जन डॉ बिंदेश्वरी रजक का कहना है कि यह घटना काफी निंदनीय है. ओपीडी की सेवा बाधित होने से मरीजों को परेशानी होगी. वे आंदोलन पर उतरे चिकित्सकों को आश्वासन देकर काम पर लौटाने का प्रयास कर रहे हैं. वे चिकित्सकों को पूर्ण सुरक्षा दिलाने व उनके साथ दुर्व्यवहार करनेवाले पर कार्रवाई करने के लिए प्रशासन से मांग करेंगे.
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