धुरकी (गढ़वा) : प्रखंड में कम बारिश के कारण जहां रवि और खरीफ फसलों की उपज कम हुई. वहीं बेमौसम की बारिश ने महुआ के फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है. प्रखंड के 56 हजार आबादी के आठ पंचायत में 80 प्रतिशत कृषक निवास करते हैं. उनकी उम्मीदें महुआ के फसल पर टिक ी रहती है.
महुआ के फसलों से पूरी अर्थव्यवस्था टिकी रहती है. इस फसल से लोग कई तरह के उम्मीद पालते हैं. लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. पूरे प्रखंड में दो से 2.5 करोड़ रुपया का महुआ का फसल होने की उम्मीद थी. महुआ व्यवसाय से जुड़े मनदीप प्रसाद गुप्ता व शंभु प्रसाद गुप्ता ने कहा कि वे प्रत्येक वर्ष महुआ के मौसम में 10 ट्रक महुआ फल की खरीदारी करते हैं. लेकिन इस वर्ष अभी तक एक ट्रक महुआ की भी खरीदारी नहीं हो सकी है. इसका असर स्थानीय बाजार पर पड़ेगा.
क्या कहते हैं ग्रामीण : खाला ग्राम के बिशुन कोरवा ने कहा कि चार पुत्रों की शादी इसी महुआ को चुनकर किया था. अप्रैल माह में भी अपने पुत्र की शादी करनी है. लेकिन इस बार फसल बर्बाद हो जाने के कारण महाजनों से कर्ज लेनी पड़ेगी. मुन्ना कोरवा ने कहा कि हमें भी अपने पुत्र व पुत्री की शादी करनी थी. लेकिन महुआ नहीं होने से किसी से कर्ज लेकर करना पड़ेगा.
