केतार(गढ़वा) : एक तरफ सरकार सुरक्षित प्रसव कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन सरकार के इस प्रयास की धज्जी उड़ती दिखाई दे रही है. इसका उदाहरण प्रखंड के नावाडीह निवासी हसीना बीबी के प्रसव की कहानी से दिया जा सकता है.
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स्वास्थ्य उपकेंद्र में ताला बंद, मरीज परेशान
केतार(गढ़वा) : एक तरफ सरकार सुरक्षित प्रसव कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन सरकार के इस प्रयास की धज्जी उड़ती दिखाई दे रही है. इसका उदाहरण प्रखंड के नावाडीह निवासी हसीना बीबी के प्रसव की कहानी से दिया जा सकता है. समाचार के अनुसार नावाडीह […]
समाचार के अनुसार नावाडीह निवासी हसीना बीबी शुक्रवार की रात में प्रसव पीड़ा होने के बाद इसकी सूचना वहां की सहिया ललिता देवी को दी गयी. ललिता ने हसीना को केतार स्वास्थ्य उप केंद्र ले जाने के लिए ममता वाहन को संपर्क किया. लेकिन ममता वाहन नहीं पहुंचा. विवश होकर सहिया ललिता ने अपने पति की मोटरसाइकिल पर किसी तरह हसीना को लेकर केतार स्वास्थ्य उप केंद्र पहुंची. लेकिन वहां पहुंचने पर उसने वहां ताला बंद पाया. वहां के लिए नियुक्त दो एएनएम में से एक भी मौजूद नहीं थीं. उसने एएनएम को केंद्र में बुलाने का प्रयास किया, लेकिन कोई एएनएम नहीं आयी. इस बीच हसीना कंेद्र के बाहर सड़क पर घंटों प्रसव पीड़ा से तड़पती रही.
लाचार होकर सहिया ने भवनाथपुर से संपर्क कर वहां से ममता वाहन बुलवाया और उक्त ममता वाहन से वह हसीना बीबी को भवनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य कंेद्र में ले जाने का प्रयास किया. संयोगवश रास्ते में ही हसीना बीबी ने एक बच्ची को जन्म दे दिया. हसीना व उसकी बच्ची दोनों स्वस्थ हैं. इसकी सूचना मिलने के बाद स्थानीय ग्रामीणों में केतार स्वास्थ्य उप केंद्र की कुव्यवस्था के खिलाफ काफी रोष है. उन्होंने स्वास्थ्य उप केंद्र की स्थिति नहीं सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रति रोष व्यक्त किया है.
ग्रामीणों ने कहा कि दो दिन पहले ही यहां से दो एएनएम का स्थानांतरण किया गया है. चार में से दो एएनएम का स्थानांतरण किये जाने के खिलाफ उन्होंने प्रदर्शन किया था. इसके बावजूद दोनों एएनएम के स्थानांतरण को नहीं रोका गया. फिलहाल यहां मात्र सिफरोसीन टोप्पो व राजकुमारी देवी नामक दो एएनएम पदस्थापित हैं, लेकिन शाम छह बजे के बाद केंद्र में ताला बंद हो जाता है, जिसके कारण आपातकालीन मरीजों को काफी समस्या झेलनी पड़ती है. इधर सहिया ललिता देवी ने कहा कि केंद्र की अव्यवस्था के कारण मरीजों से उन लोगों कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है.
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