गढ़वा : कभी नक्सलियों के लिए मुख्य शरणस्थली रहा मेराल प्रखंड का दुलदुलवा गांव अवैध महुआ शराब चुलाई के मामले में पलामू प्रमंडल के सबसे बड़े केंद्र के रूप में स्थापित हो गया है़ यहां प्रतिदिन हजारों लीटर अवैध शराब की चुलाई हो रही है. शराब का कारोबार समाप्त करने के लिए यहां एसपी से लेकर दारोगा तक छापेमारी कर चुके है़ं, लेकिन शराब का कारोबार यहां बंद ही नहीं हो रहा है.
पुलिस या उत्पाद विभाग के पदाधिकारी भट्ठियां तोड़कर व सामग्री जब्त कर आते हैं, उसके दूसरे दिन से ही ठिकाना बदलकर शराब की चुलाई शुरू कर दी जाती है़ दुलदुलवा गांव में तैयार महुआ शराब मेराल व डंडई के अलावा गढ़वा ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में भेजी जाती है. दुलदुलवा गांव आठ टोलों में विभक्त है. इन सभी में शराब के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध साव टोला है. इस टोले के कई घरों में शराब बनायी जाती है. अभी हाल ही में चार जुलाई को मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग की ओर से यहां छापेमारी की गयी है.
इसमें 11 भट्ठियों में से अकेले साव टोले में शराब की अलग-अलग 10 भट्ठियां तोड़ी गयी और शराब बनाने में प्रयोग किया जानेवाला पांच हजार किलो जावा महुआ तथा 300 लीटर तैयार महुआ शराब बरामद की गयी. इस मामले में 10 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है़, लेकिन साव टोला के अलावा दुलदुलवा के अन्य टोलों के साथ-साथ बगल के गांव चामा, पेशका में भी अवैध शराब के धंधे ने कुटीर उद्योग का रूप ले लिया है. जानकार बताते हैं कि दुलदुलवा के अलावा चामा व पेशका गांव को मिलाकर इस क्षेत्र में करीब तीन से चार हजार लीटर अवैध शराब प्रतिदिन तैयार की जाती है.
इस तैयार शराब को मेराल, डंडई, गढ़वा के अलावा अन्य दूसरे स्थानों पर भी खपत के लिए मोटरसाइकिल, चार पहिया वाहन, साइकिल आदि के माध्यम से भेजा जाता है. अवैध शराब कारोबारियों का रिश्ता असामाजिक तत्वों से होने की वजह से ग्रामीण इसके खिलाफ नहीं बोलते.
तीन माह में छह बार हो चुकी है छापेमारी : उत्पाद विभाग की ओर से बीते तीन माह में गढ़वा जिले में 96 अवैध शराब निर्माण व बिक्री के खिलाफ छापेमारी की गयी है. इसमें गढ़वा अनुमंडल में 49, नगरउंटारी में 24 तथा रंका में 20 स्थानों पर छापेमारी की गयी. दुलदुलवा व आसपास के गांव में अप्रैल से लेकर चार जुलाई तक कुल छह बार छापेमारी की गयी है.
हर बार बड़ी मात्रा में शराब व उपकरण बरामद किये जाते है़ं इसके पूर्व 2018 में प्रशिक्षु एसपी वंदिता राणा, एसडीपीओ, थाना प्रभारी व उत्पाद विभाग की टीम की ओर से यहां कार्रवाई करते हुए भट्ठियां ध्वस्त की गयी है. तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार झा ने भी स्वयं छापेमारी अभियान चलाकर भट्ठियां को ध्वस्त किया था़, लेकिन इसके बावजूद यहां अवैध शराब निर्माण का कारोबार फलफूल रहा है.