रमकण्डा: रमकण्डा प्रखंड में मलेरिया से हो रही मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार की रात आदिम जनजाति परिवार के एक युवक रमकंडा ऊपरी टोला निवासी जतन कोरवा का 20 वर्षीय पुत्र उपेंद्र कोरवा की मौत मलेरिया से लड़ते हुए सदर अस्पताल मेदिनीनगर में हो गयी. इस तरह सात दिन में मरने वालों की संख्या 16 हो गयी है. मृतक उपेंद्र कई दिनों से मलेरिया की चपेट में था़ समाचार के अनुसार उपेंद्र को रविवार की सुबह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रमकण्डा में इलाज के लिए भरती कराया गया था. यहां उसके खून जांच में मलेरिया के लक्षण पाये गये थे. इसके बाद उसका इलाज स्वास्थ्य केंद्र रमकंडा में ही चल रहा था.
लेकिन बाद में गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ गौतम यादव ने उसे बेहतर इलाज के लिए मेदिनीनगर सदर अस्पताल रेफर कर दिया था. बताया गया कि सदर अस्पताल में समुचित इलाज नहीं होने से उसकी मौत हो गयी. मृतक उपेंद्र को इलाज के दौरान राज्य मलेरिया की टीम ने भी अस्पताल में देखा था. टीम के सदस्यों ने ही उसे पलामू रेफर करने का निर्देश दिया था़
टीम की ओर से पलामू सिविल सर्जन को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने का निर्देश दिये गये थे़ इसके बाद भी उसे पूरी स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल सकी. मृतक के परिजनों ने बताया कि करीब चार दिन पहले उपेंद्र धनरोपनी से लौटा था. इसके बाद से उसे हल्का बुखार था. शुक्रवार को वह तालाब से मछली मार कर लौटने के बाद अचानक बेहोश हो गया. इसके बाद उसे रविवार को अस्पताल में भरती कराया गया़ मृतक के पिता ने बताया कि बेहोश के बाद उपेंद्र की झाड़-फूक भी करायी गयी थी़.
सीएस ने किया अस्पताल का निरीक्षण : सोमवार को सिविल सर्जन डॉ टी हेंब्रम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रमकंडा पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान सीएस ने क्षेत्र में काम कर रहे डॉक्टरों के बारे में जानकारी ली. वहीं प्रभावित क्षेत्रों में डीडीटी का छिड़काव करने का निर्देश दिया. उन्होंने पाया कि एमपीडब्लू प्रिंस कुमार कर्तव्य के दौरान डयूटी से भाग गये है़ं सीएस ने रंका से एमपीडब्लू को पूरे उपकरण के साथ रमकंडा पहुंचने को कहा़ वहीं दो एएनएम को भी भेजे जाने की बात कही. इस अवसर पर डॉ गौतम यादव, जिला मलेरिया कंसलेंट अरविंद कुमार, बीडीओ बिपिन कुमार भारती, बीडीओ रामजी वर्मा आदि उपस्थित थे.
जिला से दो बजे पहुंची दवा : मलेरिया की दवा समाप्त होने के बाद सोमवार को सदर अस्पताल गढ़वा से अपराहण दो बजे रमकण्डा अस्पताल में दवा पहुंचायी गयी. इसके बाद चिकित्सकों की तीन टीम को समुचित दवा, मेडिकल किट आदि उपलब्ध कराते हुए उन्हें प्रभावित क्षत्रों में भेजा गया. पलामू सेण्यी ई टीम को रक्शी गांव भेजा गया, जहां शिविर लगाया गया है़, वहीं डॉ रवि प्रकाश के नेतृत्व में मेडिकल टीम को प्रखंड के उदयपुर उपस्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. डॉ कुलदेव चौधरी के नेतृत्व में गठित मेडिकल टीम को गोबरदाहा उपस्वास्थ्य केंद्र में भेजा गया. इधर सोमवार से प्रखंड के कई सहिया व आंगनबाड़ी सेविकाओं के क्षेत्र में जाकर मलेरिया से संबंधित सर्वेक्षण का काम करना शुरू कर दिया गया है़
सात दिन में हो चुकी है 16 मौतें
रमकण्डा प्रखंड में मलेरिया के प्रकोप से सात दिन में 16 मरीजों की मौत हो चुकी है. जिन मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है, उनमें पहले तीन दिनों में प्रखंड मुख्यालय के सेमरटांड़ टोला निवासी विदेशी सिंह का पुत्र शंभु सिंह(6 वर्ष), रामचंद्र साव की पत्नी मंजू देवी(50 वर्ष), बिचला टोला निवासी गोकुल दास की पत्नी शोभा देवी(50 वर्ष), कहुआलेवाड़ टोला निवासी संतोषी भुइयां की पत्नी बंधिया देवी(40 वर्ष), पीताम्बर भुइयां की पुत्री सोनम कुमारी(8 वर्ष), कुलदीप भुइयां(50 वर्ष) रामदेव भुइयां, नरेश भुइयां(50 वर्ष), मंगराही गांव निवासी विसुनदेव सिंह का पुत्र धनेश्वर सिंह(6 वर्ष), कसमार गांव निवासी सुकनी देवी(35 वर्ष)के नाम शामिल है. वहीं बेलवादामर गांव निवासी लल्लू सिंह की मौत अज्ञात बीमारी से हुई है़ चौथे दिन प्रखंड मुख्यालय के तुकुलखांड़ टोला निवासी सूरजदेव सिंह की पुत्री(7 वर्ष), संजय भुइयां का पुत्र अजित कुमार(5 वर्ष), वहीं पांचवे दिन कुरुमदारी गांव निवासी लोदो मुंडा के पुत्र रोहित कुमार(10 वर्ष), सूरज मुंडा(8 वर्ष) व सातंवें दिन जतन कोरवा का पुत्र उपेंद्र कोरवा की मौत हुई है़
शिविर में 42 मरीजों की जांच की गयी
रमकण्डा प्रखंड के रकसी में लगाये गये मलेरिया जांच शिविर में सोमवार को 42 मरीजों की जांच की गयी. इसमें सात मरीज मलेरिया से ग्रसित पाये गये हैं. वहीं प्रखंड मुख्यालय स्थित अस्पताल में 200 मरीजों की जांच की गयी. इसमें नौ मरीज मलेरिया से पीड़ित पाये गये. पीड़ितों में भागी भुइयां, सुशीला कुमारी, दुर्गा सिंह, बसंती देवी, कौलेश्वर सिंह, दुर्गा कुमार, रानी कुमारी, गोरख सिंह, प्रतिमा कुमारी आदि के नाम शामिल है.
देर से पहुंची दवा, इंतजार करती रही टीम
रमकण्डा प्रखंड में पिछले सात दिन में 16 लोगों की हुई मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सक्रिय नहीं दिख रहा है़ राज्य मलेरिया पदाधिकारी के निर्देश के बाद भी सोमवार को समय पर प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल टीम नहीं पहुंची़ अस्पताल में दवाइयों की कमी की वजह से पलामू से पहुंची मेडिकल टीम घंटों अस्पताल परिसर में दवा पहुंचने का इंतजार करती रही. दवा की कमी के कारण सोमवार को तीन डॉक्टरों की अलग- अलग टीम अस्पताल परिसर में ही बैठी रही. वहीं अस्पताल में भी दवाइयों की कमी के कारण मरीजों को इलाज के लिये इंतजार करना पड़ा. इस संबंध में पूछे जाने पर पलामू मलेरिया इंस्पेक्टर डॉ पंकज विश्वकर्मा ने बताया कि मेडिकल टीम 10 बजे ही रमकंडा पहुंच चुकी है. लेकिन दवा उपलब्ध होने का इंतजार किया जा रहा है. जबकि इस संबंध में सीएस टी हेंब्रम ने कहा कि बरसात की वजह से थोड़ी परेशानी हो रही है.