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निबंधन विभाग का राजस्व 50 प्रतिशत घटा

सरकार के नये निर्देश की वजह से कम हो पा रहा है निबंधन दस्तावेज नवीसों के समक्ष आ गयी है बेकारी की स्थिति गढ़वा : सरकार के नये निर्देश से एक तरफ जहां आम लोगों को अपनी भूमि की खरीद-बिक्री में परेशानी हो रही है, वहीं निबंधन विभाग का राजस्व संग्रहण भी 50 प्रतिशत तक […]

सरकार के नये निर्देश की वजह से कम हो पा रहा है निबंधन
दस्तावेज नवीसों के समक्ष आ गयी है बेकारी की स्थिति
गढ़वा : सरकार के नये निर्देश से एक तरफ जहां आम लोगों को अपनी भूमि की खरीद-बिक्री में परेशानी हो रही है, वहीं निबंधन विभाग का राजस्व संग्रहण भी 50 प्रतिशत तक घट गया है़
सरकार के निर्देश के अनुसार बिना खतियान व अद्यतन रसीद के कोई भी व्यक्ति जमीन की खरीद-बिक्री नहीं कर सकता है़ अभी पिछले एक साल से ऑन लाइन खतियान व रजिस्टर टू की इंट्री का काम भी चल रहा है़, जिसमें काफी अशुद्धियां है़ं इनमें दुबारा सुधार का काम किया जा रहा है़ इस वजह से कई अंचलों में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों तरह से रसीद काटने का काम बंद कर दिया गया है़ सीएनटी एक्ट का कड़ाई से पालन किये जाने से भी इसमें शामिल जातियों की जमीन की खरीद-बिक्री बंद हो गयी है़
इसका असर दस्तावेज नवीसों पर भी बुरी तरह पड़ा है़ उन्हें अब दिनभर में एकाध डीड भी नहीं मिल पाते है़ं पहले जहां निबंधन विभाग भीड़-भाड़ की वजह से गुलजार रहा करता था, वहीं अब यहां सन्नाटा छाया रहता है़ सबसे ज्यादा परेशानी गढ़वा, मेराल, डंडा व डंडई प्रखंडवासियों व गढ़वा शहरी क्षेत्र के लोगों को हो रही है़
इन स्थानों पर नया सर्वे फाइनल नहीं होने की वजह से नया खतियान जारी नहीं हो सका है़ साल 1977 से अब तक सर्वे का काम लंबित पड़ा हुआ है़ वहीं गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र में सर्वे ही नहीं हुआ है़ ऐसे में करीब 110 साल पुराना खतियान न तो अंचल में उपलब्ध है और न ही रिकॉर्ड रूम में है़ कुछेक खाता का खतियान है, भी तो वह काफी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में, जो पलट कर देखने के लायक भी नहीं रह गया है़ जिन शेष प्रखंडों में नये सर्वे का खतियान वितरित हुआ है, उसकी अशुद्धियों का सुधार भी सर्वे कार्यालय डालटनगंज में लंबे समय से लंबित पड़ा हुआ है़
लक्ष्य के अनुरूप नहीं हो पाता है राजस्व संग्रहण
गढ़वा व नगरऊंटारी निबंधन कार्यालय से तीन साल पूर्व तक प्रति वर्ष 25 करोड़ तक का राजस्व संग्रहण होता था़ लेकिन वित्तीय साल 2015-16 में 5552 डीड के माध्यम से 2015-2016 में राजस्व संग्रहण मात्र 8.33 करोड़ रुपये रहा़ वहीं सरकार की ओर से 15.62 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था़ इसी तरह साल 2016-17 में 4805 डीड ही निष्पादित हुए.
इससे 9.36 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ़ वहीं इस साल सरकार की ओर से 19.05 करोड़ राजस्व संग्रहण का लक्षय दिया गया था़ इस संबंध में जिला निबंधन पदाधिकारी रूपेश कुमार सिन्हा ने कहा कि वे सरकार के निर्देश का पालन कर रहे है़ सरकार ने उन्हें जो निर्देश दिया है, उसी के अनुसार रजिस्ट्री करायी जा रही है़

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