मुसाबनी.
मुसाबनी के मेढ़िया श्मशान काली मंदिर क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार को काफी संख्या में लोग पूजा करने के लिए आते हैं. इस मंदिर में प्रतिवर्ष धूमधाम से मां काली की पूजा होती है. नवारुण संघ 1972 से श्मशान काली मंदिर में पूजा कर रहा है. इस वर्ष संघ पूजा की 53वीं वर्षगांठ मना रही है. धल परिवार से मेढ़िया नाला के समीप सड़क किनारे करीब एक एकड़ जमीन मंदिर निर्माण के लिए दान पर मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने मंदिर निर्माण शुरू किया. मुसाबनी माइंस अस्पताल के तत्कालीन सीएमओ डॉ केसी गांगुली, आइसीसी कंपनी के तत्कालीन मैनेजर वेंकट रमन, तारापद मिश्रा, कालाचंद धल, सहदेव धल, पंचानन महतो, परीक्षित महतो, हराधन धल आदि के नेतृत्व में स्थानीय लोगों के सक्रिय सहयोग से श्मशान काली मंदिर का निर्माण किया गया.पहले अध्यक्ष थे कालाचंद धल
मेढ़िया श्मशान काली मंदिर कमेटी के पहले अध्यक्ष कालाचंद धल तथा पहले पुजारी क्रिटी भूषण महापात्र थे. वर्तमान में मंदिर के मुख्य पुजारी हराधन महापात्र, सह पुजारी वीरेंद्र नाथ महापात्र एवं मोहन चंद्रपति मंदिर में पूजा करते हैं. इस वर्ष कमेटी के अध्यक्ष विष्णु रजक, महासचिव विश्वजीत दास पोलटू, कोषाध्यक्ष सुनील धवलदेव, सह कोषाध्यक्ष सुनील दास तथा मुख्य संरक्षक पवन सिंघानिया हैं.कार्यक्रम की सूची
अमावस्या के मौके पर 20 अक्तूबर की सुबह 5:36 बजे दीपदान, सुबह 7:45 बजे शोभायात्रा निकाली जायेगी. रात 9:45 बजे से पूजा शुरू होगी. मध्य रात्रि 1:29 बजे पुष्पांजलि, 21 अक्तूबर की सुबह 4:05 बजे से महाभोग वितरण एवं सुबह 8:00 बजे से गंजो भोग का वितरण होगा. नवरंग संघ की ओर से काली पूजा के मौके पर 23 अक्तूबर की शाम 7:30 बजे से बाउल संगीत संध्या का आयोजन किया जायेगा. बांकुड़ा के बाउल संगीतकार सोमनाथ कर्मकार द्वारा बाउल संगीत प्रस्तुत किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

