मुसाबनी.
एचसीएल की बंद पड़ी केंदाडीह माइंस के संचालन के लिए 8 जुलाई, 2025 तक ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किये गये थे. सूत्रों के अनुसार, तीन ठेका कंपनियें टेंडर प्रक्रिया में शामिल हुई हैं. इनमें राजस्थान की खनन कंपनी एसके खेतान, एमएमपीएल और अरावली कंस्ट्रक्शन कंपनी शामिल है. टेंडर खुलने के बाद टेक्निकल जांच होगी. ठेका कंपनियों की वित्तीय स्थिति की जांच के बाद प्राइस बिड की प्रक्रिया कर एल-1 पार्टी का निर्धारण किया जायेगा. जानकारी के अनुसार, एचसीएल सितंबर-अक्तूबर तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर अक्तूबर 2025 तक केंदाडीह माइंस फिर से संचालित करने का प्रयास कर रहा है. राज्य सरकार से लीज विस्तारीकरण के बाद एचसीएल ने पर्यावरणीय स्वीकृति की प्रक्रिया के लिए आवेदन दिया है. प्रथम चरण का फॉरेस्ट क्लीयरेंस एचसीएल को मिल गया है. पर्यावरण स्वीकृति के स्टेज 2 के लिए क्षेत्र के राजस्व ग्रामों में ग्राम सभा का आयोजन हुआ है. केवल बेनासोल ग्राम सभा का आयोजन नहीं हुआ है. पर्यावरण स्वीकृति मिलने पर डीड रजिस्ट्री का काम पूरा कर एचसीएल माइंस का संचालन का ग्लोबल टेंडर में चयनित ठेका कंपनी को माइंस के संचालन का वर्क आर्डर देगा.25 मई, 2023 से बंद है केदाडीह माइंस
ज्ञात हो कि इसके पहले एचसीएल की केंदाडीह माइंस का ग्लोबल टेंडर ठेका कंपनी जेएमएस को मिला था. लक्ष्य के अनुसार माइंस से उत्पादन नहीं कर पाने के कारण एचसीएल ने ठेका कंपनी जेएमएस को 25 मई, 2023 को टर्मिनेट कर दिया था. तब से केंदाडीह माइंस बंद है. 1 जून 2023 से केंदाडीह माइंस की लीज समाप्त है. माइंस में करीब 350 मजदूरों को रोजगार मिलता था.
वार्षिक उत्पादन क्षमता 2.25 लाख टन
केंदाडीह माइंस का लीज क्षेत्र 1139 हेक्टेयर में है. माइंस की स्थापित उत्पादन क्षमता 2.25 लाख टन वार्षिक है. यहां की ताम्र अयस्क में तांबे का ग्रेड एक प्रतिशत से अधिक है. करीब 2 वर्ष से अधिक समय से बंद केंदाडीह माइंस के फिर से चालू होने से क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके साथ केंदाडीह माइंस तांबा उत्पादन में अपनी भूमिका निभायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

