मुसाबनी.
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) की महत्वाकांक्षी परियोजना सुरदा फेस टू अधर में लटकी है. एचसीएल प्रबंधन ने नवंबर, 2025 तक शाफ्ट निर्माण कार्य फिर से चालू कर सभी मजदूरों को नियमित रूप से रोजगार देने की लिखित जानकारी दी थी. नवंबर बीतने के बाद भी सुरदा फेस टू में शाफ्ट निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. सूत्रों के अनुसार एचसीएल प्रबंधन व ठेका कंपनी के बीच जारी गतिरोध के समाधान को लेकर कई दौर की वार्ता के बाद ठेका कंपनी आर्बिट्रेशन के मामले को वापस लेने पर सहमत हुई है. आर्बिट्रेशन से मामला वापस लेने के बाद एचसीएल ठेका कंपनी को फिर से सुरदा फेस टू में शाफ्ट निर्माण का कार्य शुरू करने का वर्क ऑर्डर जारी करेगा. इस वर्ष के अंत तक मामले का समाधान होने की उम्मीद है.प्रबंधन ने मजदूरों से दिसंबर तक का समय लिया
एचसीएल प्रबंधन ने मजदूरों से दिसंबर तक का समय लिया है. यदि गतिरोध का समाधान जल्द हो जाता है, तो नये साल में शाफ्ट के निर्माण का कार्य फिर से शुरू होने की उम्मीद है. शाफ्ट निर्माण अगले तीन वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है. सुरदा माइंस के विकास की योजना में पहले काफी विलंब हो चुका है. वर्ष 2017 तक पूरी होने वाली परियोजना के 2028 तक पूरी हो पायेगी, इसे लेकर संशय है. नये शाफ्ट निर्माण और 18 वें लेवल तक माइनिंग डेवलपमेंट कब तक पूरा होगा, इसे लेकर संशय की स्थिति है.
सुरदा फेस टू पूरा होने से माइंस का उत्पादन दोगुना होगा
सुरदा माइंस की वर्तमान उत्पादन क्षमता 4 लाख टन से बढ़ाकर 9 लाख टन वार्षिक करने की योजना है. इसे लेकर सुरदा फेस-2 का कार्य वर्ष 2012 में प्रारंभ किया गया था. करीब 209 करोड़ रुपये की लागत से सुरदा के सोहदा में 600 मीटर गहरा शाफ्ट निर्माण करना था. वहीं, सुरदा माइंस को 12 लेवल से 18 लेवल तक डेवलपमेंट का कार्य होना था. सुरदा फेस टू के पूरा होने से माइंस का उत्पादन दोगुना होगा.
5 वर्षों से शाफ्ट निर्माण कार्य बंद
सुरदा फेस टू के अंतर्गत सोहदा में नया शाफ्ट निर्माण का काम सितंबर 2020 से बंद है. ऐसे में करीब 110 मजदूरों का रोजगार प्रभावित है. फेस टू के मजदूरों को सुरदा माइंस में रोटेशन पर महीने में 6 दिन का रोजगार दिया जा रहा है. सुरदा माइंस के डेवलपमेंट कार्य से एचसीएल ने ठेका कंपनी को अलग कर दिया था. ठेका कंपनी को केवल शाफ्ट निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. ठेका कंपनी श्रीराम इपीसी एचसीएल के विरुद्ध इस मामले को वर्ष 2019 में आर्बिट्रेशन में गया, जो विचारीधीन है. सितंबर, 2020 में शाफ्ट से पानी निकासी के भुगतान का मुद्दा ऑर्बिट्रेशन में विचाराधीन है.एक तिहाई शाफ्ट निर्माण कार्य बाकी
सुरदा फेस 2 में नये शाफ्ट का निर्माण 396 मीटर तक हुआ है. अभी एक तिहाई शाफ्ट निर्माण बाकी है. एचसीएल ने सोहदा में नये शाफ्ट निर्माण के लिए अब तक 40 करोड़ रुपये का भुगतान ठेका कंपनी को किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

