धालभूमगढ़. धर्मगुरु माझी रामदास टुडू रास्का की 171वीं जयंती करुआकाटा में मनायी गयी. मौके पर मुख्य अतिथि झामुमो नेता सोमेश सोरेन रहे. आयोजक माझी रामदास टुडू रास्का ट्रस्ट, ऑल इंडिया संताल बैंक इंप्लाइज वेलफेयर सोसायटी और ऑल इंडिया संताल राइटर्स एसोसिएशन थे. सोमेश सोरेन ने कहा कि माझी रामदास टुडू रास्का संताल समाज के सर्वमान्य और पूजनीय धर्मगुरु थे. उन्होंने वर्ष 1894 में खेरवाल बोंगशो धोरोम पुथी की रचना की थी, जिसे आज भी संथाल समाज में धर्मग्रंथ के रूप में पूज्य माना जाता है. उनके अनुपम योगदान को मान्यता देते हुए कोलकाता विश्वविद्यालय ने उन्हें डी लिट की उपाधि से सम्मानित किया था. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र से आये 100 नवोदित संथाली लेखकों को सम्मानित किया. उन्होंने रामदास टुडू के नाम पर चल रहे पुस्तकालय में ई-लाइब्रेरी एप का उद्घाटन और पौधरोपण किया. इससे छात्रों एवं शिक्षाविदों को लाभ मिलेगा.
समाधि स्थल पर हुई पूजा, आदमकद मूर्ति पर माल्यार्पण :
समाधि स्थल पर पारंपरिक ढंग से पूजा की गयी. सोमेश सोरेन ने रामदास टुडू की आदमकद मूर्ति पर माल्यार्पण कर नमन किया. मौके पर निःशुल्क नेत्र-जांच शिविर लगाया गया. मौके पर रामहरि बास्के, कुशाधर हांसदा, रखाल चन्द्र हेम्ब्रम, मझो राम माझी, रामसाई मुर्मू, कारन सोरेन, सिदो टुडू, सुर्या नन्द हांंसदा, रघुनाथ हांसदा ‘रास्का’ ट्रस्ट” के पदाधिकारी गोपीनाथ टुडु, ठाकुर मुर्मू, सिंगराय मांडी, रामदास टुडु, बुढान चन्द्र मुर्मू, कौशल्या टुडु, जगदीश भगत, कालीपद गोराई, अर्जुन हांसदा, चेतन मुर्मू, प्रणव महतो, मुखिया विक्रम टुडु, अर्जुन मांडी, पूर्व जिप आरती सामाद, प्रमुख देवला हांसदा,डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

