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जमशेदपुर के लोगों को मिलेगी 300 यूनिट मुफ्त बिजली, 78,000 रुपए तक की सब्सिडी भी, जानें पूरी योजना

PM Surya Ghar Bijli Yojana: प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत विभिन्न क्षमता (किलोवाट) के सिस्टम पर सब्सिडी प्रदान करती है. एक किलोवाट सोलर प्लांट लगाने पर केंद्र सरकार की तरफ से 30 हजार की सब्सिडी मिलती है. इसी तरह दो किलोवाट सोलर प्लांट लगाने पर 60 हजार और तीन किलोवाट सोलर प्लांट या उससे ज्यादा का प्लांट लगाने पर अधिकतम 78 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी.

PM Surya Ghar Bijli Yojana: अगर आप बिजली बिल से परेशान हैं, तो आप प्रधानमंत्री सूर्य घर बिजली योजना के तहत अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाकर बिजली के बिल से राहत पा सकते हैं. आपकी बिजली का बिल तो बचेगा ही, साथ ही आपको कमाई का भी मौका मिलेगा. सोलर पैनल सिस्टम के तहत बिजली पैदा कर उसे बिजली वितरण कंपनी को बेचकर पैसे कमा सकते हैं. घरों को मुफ्त बिजली मुहैया कराने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना आम नागरिकों को छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली (रूफ टॉप सोलर) लगाने के लिए न केवल सब्सिडी प्रदान करती है.

क्या है प्रधानमंत्री सूर्य घर बिजली योजना?

प्रधानमंत्री सूर्य घर केंद्रीय योजना है. इसके तहत आवासीय उपभोक्ताओं को अपनी छतों पर रूफ टॉप सोलर पैनल लगाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली सुनिश्चित करना और देश में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना है.

प्लांट लगाने पर 78 हजार तक की सब्सिडी

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत विभिन्न क्षमता (किलोवाट) के सिस्टम पर सब्सिडी प्रदान करती है. एक किलोवाट सोलर प्लांट लगाने पर केंद्र सरकार की तरफ से 30 हजार की सब्सिडी मिलती है. इसी तरह दो किलोवाट सोलर प्लांट लगाने पर 60 हजार और तीन किलोवाट सोलर प्लांट या उससे ज्यादा का प्लांट लगाने पर अधिकतम 78 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी.

Pm Surya Ghar Bijli Yojana Jamshedpur News
पीएम सूर्य घर बिजली योजना के तहत घर की छत पर लगा सकते हैं सोलर पैनल. फोटो : प्रभात खबर

3 केवी के सोलर पैनल से 360 यूनिट तक कर सकते हैं बिजली का उत्पादन

इस योजना के अंतर्गत सोलर प्लांट लगाने वाले उपभोक्ताओं को बैंक से कम ब्याज दर पर 10 वर्ष के लिए लोन की भी सुविधा मिलती है. इस योजना के अंतर्गत एक से तीन किलोवाट तक रूफ टॉप सोलर पैनल स्थापित कर हर महीने 100 से 360 यूनिट तक बिजली उत्पादन किया जा सकता है.

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जमशेदपुर में एक किलोवाट के पैनल पर कितना आयेगा खर्च?

शहर में एक किलोवाट के लिए खर्च लगभग 75,000 से 90,000 रुपये, दो किलोवाट के लिए करीब 1,45,000 से 1,70,000 हजार और तीन किलोवाट के लिए 2,00,000 से 2,40,000 रुपये तक का खर्च आ सकता है. पांच किलोवाट के लिए यह खर्च 3,10,000 से 3,45,000 रुपये के लगभग होगा. थ्री फेस होने से कीमत तीन लाख 45 हजार रुपये तक होगी. आपको अपने क्षेत्र के पंजीकृत वेंडरों से कोटेशन मिलेगा, जिससे आपको लागत का वास्तविक खर्च पता चलेगा.

कौन लोग ले सकते हैं पीएम सूर्य घर बिजली योजना का लाभ

यह योजना मुख्य रूप से आवासीय उपभोक्ताओं (घरों) के लिए है. वह भारत का नागरिक होना चाहिए. अपना घर होना चाहिये और मजबूत छत होनी चाहिए. पहले से ही किसी अन्य रूफ टॉप सोलर सब्सिडी योजना का लाभ नहीं लिया हो. न्यूनतम आयु 18 वर्ष, आधार, राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन, स्वयं का मकान और भारतीय नागरिक होना आवश्यक है.

कितना आयेगा खर्च और कितनी मिलेगी सब्सिडी?

क्षमताअनुमानित खर्च रुपए मेंसब्सिडी की राशि
1 किलोवाट75,000 से 90,00030,000 रुपए
2 किलोवाट1,45,000 से 1,70,00060,000 रुपए
3 किलोवाट2,00,000 से 2,40,00078,000 रुपए
5 किलोवाट3,10,000 से 3,45,00078,000 (अधिकतम)

PM Surya Ghar Bijli Yojana के लिए कैसे करें अप्लाई?

प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए आधिकारिक पोर्टल pmsuryaghar.gov.in है. सबसे पहले पंजीकरण के लिए आधिकारिक वेबसाइट pmsuryaghar.gov.in पर जायें. इसके बाद जो पेज खुलेगा, वहां अप्लाई फॉर रूफ टॉप सोलर का चयन करना है. इसके बाद लिंक पर क्लिक करें. अपना विवरण भरें. अपना राज्य चुनें. अपनी बिजली वितरण कंपनी (जैसे जेबीवीएनएल, जुस्को आदि) चुनें. अपना बिजली उपभोक्ता नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करें. फिर ओटीपी से सत्यापन करें.

चरण 2 : लॉग इन और आवेदन फॉर्म

पंजीकरण के बाद अपने उपभोक्ता नंबर और मोबाइल नंबर का उपयोग करके पोर्टल पर लॉग इन करें. दिये गये फॉर्म में निम्नलिखित जानकारी भरें. आवासीय पता, छत पर सोलर लगाने की व्यवहार्यता की जानकारी. आप कितने केवी (किलोवाट) का सिस्टम लगवाना चाहते हैं.

चरण 3: डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से तकनीकी व्यवहार्यता की स्वीकृति

फॉर्म जमा करने के बाद आपकी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी आपके आवेदन की जांच करेगी. तकनीकी व्यवहार्यता की जांच के बाद आपको पोर्टल पर इसकी स्वीकृति मिल जायेगी.

चरण 4: प्लांट लगाना

डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी आपके आवेदन को स्वीकृति मिलने के बाद आपको अपने क्षेत्र के पंजीकृत वेंडरों में से किसी एक को चुनना होगा. इसके उपरांत चयनित वेंडर आपकी छत पर सोलर पैनल सिस्टम लगायेगा. यह सुनिश्चित करें कि आप सिस्टम लगवाने से पहले लागत और वेंडर की शर्तों से पूरी तरह सहमत हैं.

चरण 5 : नेट मीटरिंग और निरीक्षण

चयनित वेंडर से सिस्टम लगाने के बाद आपको नेट मीटर के लिए आवेदन करना होगा. आपकी बिजली वितरण कंपनी की टीम आपके घर आकर प्लांट का निरीक्षण करेगी और नेट मीटर लगायेगी. निरीक्षण के बाद वे कमीशनिंग सर्टिफिकेट जारी करेंगे.

चरण 6 : सब्सिडी के लिए आवेदन और बैंक विवरण

बिजली वितरण कंपनी से कमीशनिंग सर्टिफिकेट मिलने के बाद पोर्टल पर सब्सिडी के लिए अंतिम आवेदन करना होगा. आवेदक को अपने बैंक खाते का विवरण (खाता संख्या और आइएफएससी) दर्ज करना होगा. बिजली वितरण कंपनी द्वारा सब्सिडी की राशि की पुष्टि होने के बाद राशि सीधे आपके बैंक खाते में जमा कर दी जायेगी.

कितने दिन में मिल जाती है पीएम सूर्य घर बिजली योजना की सब्सिडी?

सभी विवरण सब्मिट होने के 30 दिनों के भीतर आपके बैंक अकाउंट में सब्सिडी के पैसे आ जायेंगें. योजना के तहत एक किलोवाट क्षमता वाले सोलर पैनल के लिए 30,000 रुपये, दो किलोवाट क्षमता वाले पैनल के लिए 60,000 रुपये और तीन किलोवाट या उससे अधिक वाले पैनल के लिए 78,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी.

सोलर प्लांट से संतोख सिंह के बिजली का बिल हुआ कम

बिरसानगर निवासी संतोख सिंह ने अपने आवास पर तीन केवी सिस्टम सूर्य घर योजना के तहत सोलर सिस्टम लगवाया. उनका पिछला बिल 3,500 से 4,600 रुपये प्रति माह था. उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत प्लांट लगाने में 2,20,000 खर्च किया. उन्हें सब्सिडी 78,000 प्राप्त हुआ. वास्तविक रूप से उनका 1,42,000 रुपये खर्च हुआ. वर्तमान बिल 200 तक (केवल न्यूनतम फिक्स चार्ज) ही आ रहा है. संतोख सिंह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ उठा रहे हैं और सिस्टम पर किया गया निवेश 5-6 वर्षों में वसूल हो जायेगा.

प्रधानमंत्री सूर्य घर बिजली योजना का क्या होगा फायदा?

उपभोक्ता का जीरो बिजली बिल व 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी. यदि आपका सिस्टम जरूरत से ज्यादा बिजली बनाता है, तो वह ग्रिड को वापस जायेगी, जिसके बदले आपको डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से पैसा मिल सकता है. प्लांट से कार्बन फुटप्रिंट कम होगा और देश हरित ऊर्जा लक्ष्य की ओर बढ़ेगा. सोलर पैनल की लंबी वारंटी के कारण लंबी अवधि तक फायदा मिलेगा.

सोलर सिस्टम लगवाने का कुल खर्च (बिना सब्सिडी के) कंपोनेंट्स (ऑन-ग्रिड, ऑफ-ग्रिड, हाइब्रिड) और पैनल की गुणवत्ता पर निर्भर करता है. सब्सिडी मुख्य रूप से ऑन-ग्रिड रूफ टॉप सोलर सिस्टम के लिए है. सोलर पैनल लगवाने का खर्च अलग-अलग कंपनियों का अलग होता है.

सुनील सावा, यूनिवर्सल हाई टेक, बिष्टुपुर

ग्रिड से जुड़ा रूफ टॉप सोलर सबसे आम प्रकार है. यह सिस्टम सीधे बिजली ग्रिड से जुड़ा होता है. उत्पादित बिजली का उपयोग घर में होता है और अतिरिक्त बिजली ग्रिड को भेजी जाती है. स्टैंड अलोन सोलर सिस्टम में बैटरी का उपयोग होता है. यह उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, जहां बिजली की कटौती बहुत अधिक होती है. यह ग्रिड से नहीं जुड़ा होता है. सब्सिडी मुख्य रूप से ग्रिड-टाइड सिस्टम के लिए है.

विवेक कुमार, एक्सपर्ट

नगर निगम स्थानीय स्तर पर जागरूकता शिविर, वार्ड स्तर की बैठकें और सहयोग केंद्र स्थापित करेगा, ताकि अधिक से अधिक नागरिक इस योजना का लाभ ले सकें. योजना का कार्यान्वयन पारदर्शिता, गुणवत्तापूर्ण मानकों और समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जायेगा.

कृष्ण कुमार, उप नगर आयुक्त, जेएनएसी सह मानगो नगर निगम
Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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