डुमरिया. डुमरिया प्रखंड के भागाबांदी गांव से बेसरपहाड़ी, दामुकोचा, भीतरआमदा, फूलझरी होते हुए ओडिशा सीमा तक करीब 9 किमी सड़क निर्माण कार्य में लगे संवेदक की मनमानी का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. संवेदक फूलझरी के पहाड़ के पत्थर को तोड़ कर सड़क में लगाने की बजाय बाहर भेज रहा है. इससे आक्रोशित ग्रामीण ने पत्थर का परिचालन रोक दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव का पत्थर व मिट्टी यहां से बाहर नहीं जायेगी. उसका प्रयोग अपने क्षेत्र में ही होगा. पहाड़ को काटकर सड़क बनायी जा रही है. इसमें बड़े-बड़े भारी चट्टानें भी हैं. भारी चट्टानों को संवेदक द्वारा विस्फोट कर तोड़ा जा रहा है. अभी भी विस्फोट में प्रयुक्त तार लटका हुआ है. साथ ही चौक-चौराहाें के पत्थरों को भी तोड़ा जा रहा है. मालूम हो कि उक्त सड़क पथ प्रमंडल जमशेदपुर की ओर से बनायी जा रही है. सड़क निर्माण पर 60 करोड़ खर्च होंगे. सड़क निर्माण की मांग ग्रामीण काफी लंबे समय से करते आ रहे थे. विधायक संजीव सरदार के प्रयास व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति मिली थी.
पत्थर बाहर ले जाने नहीं देंगे : ग्रामीण
मुंशी ने बताया कि दोनों ओर रास्ता बनाने का निर्देश कनीय अभियंता ने दिया है. उसी के निर्देश पर काम हो रहा है. जहां तक पत्थर बाहर भेजने की बात है यह गलत है. हमलोग पत्थर तोड़कर गार्डवाल निर्माण में लगा रहे है. अब ग्रामीणों का कहना है कि यहां का पत्थर व मिट्टी इसी क्षेत्र में प्रयोग होगी. उसे बाहर नहीं जाने दिया जायेगा. सड़क का शिलान्यास 10 जुलाई 2023 को सांसद व विधायक उपस्थिति में संयुक्त रूप से किया था. कनीय अभियंता सोनू ने बताया कि पत्थर को सिर्फ जमा किया जा रहा था. इसे ब्रेकर से तोड़ा जा रहा है. चट्टान तोड़ने के लिए किसी तरह की ब्लास्ट नहीं किया जा रहा है. आरोप बेबुनियाद है. हमलोग बाहर से पत्थर लाकर प्रयोग कर रहे हैं. इस मामले में रेंजर दिग्विजय सिंह को फोन पर संपर्क कर पक्ष लेना का प्रयास किया गया, पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

