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East Singhbhum News : जनजातीय आवासीय विद्यालय के बच्चों को नहीं मिल रहा दूध, अंडा व चिकन

सिंहभूम लीगल एंड डेवलपमेंट सोसायटी है आवासीय विद्यालय का संचालक, झाड़ रहा पल्ला

चाकुलिया. चाकुलिया प्रखंड की सोनाहातू पंचायत के अंधारिया में अनुसूचित जाति जनजाति आवासीय बालक प्राथमिक विद्यालय है. विद्यालय में 60 बच्चे नामांकित हैं. पठन-पाठन की समुचित व्यवस्था नहीं होने तथा छात्रावास में बच्चों को सूची के अनुरूप भोजन नहीं मिलने से बच्चे विद्यालय जाना नहीं चाहते. 3 जून को गर्मी की छुट्टी समाप्त हो गयी है. 20 दिन बीतने के बाद अब तक सिर्फ 25 बच्चे ही स्कूल पहुंचे हैं. ग्राम प्रधान सरकार किस्कू तथा समाजसेवी जन्मेजय महतो ने स्कूल पहुंच कर बच्चों से पूछताछ की, तब इन बातों का खुलासा हुआ. बच्चों को शाम के नाश्ते में दूध और बिस्कुट देना है, परंतु प्रबंधन द्वारा उन्हें दूध उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. इसके अलावा बुधवार और शुक्रवार को भोजन में अंडा तथा रविवार को चिकेन देना है. बच्चों ने आरोप लगाया कि उन्हें चिकेन, अंडा और दूध कुछ भी नहीं मिल रहा है. सत्र 2025-26 की पढ़ाई शुरू हुए 3 माह बीत गये. अब तक बच्चों को ड्रेस और जूता भी नहीं मिला है. अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में खुलेआम गड़बड़ी की जा रही है. इसे देखने वाला कोई नहीं है.

विद्यालय में शिक्षकों की कमी

विद्यालय में कुल पांच शिक्षकों की आवश्यकता है. यहां महज चार शिक्षक ही मौजूद हैं. इस विद्यालय में पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई की जाती है. इसमें संथाली समुदाय के बेहद गरीब बच्चों के साथ-साथ समाज के सबसे अंतिम पायदान के सबर जनजाति के बच्चे भी नामांकित हैं.

विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन नहीं

ग्राम प्रधान सरकार किस्कु ने बताया कि प्रत्येक विद्यालय में विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन किया जाता है. परंतु आश्चर्यजनक तरीके से अंधारिया आवासीय विद्यालय में विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन नहीं किया गया है. कुछ साल पहले तक प्रबंधन समिति के सदस्य पंचायत के मुखिया भी हुआ करते थे, परंतु अब मुखिया और ग्राम प्रधान को भी सदस्य बनाना उचित नहीं समझा गया है.

संचालक ने पल्ला झाड़ा, प्रधानाचार्य और छात्रावास प्रबंधक पर थोपा

अंधारिया आवासीय विद्यालय का संचालन सिंहभूम लीगल एंड डेवलपमेंट सोसायटी घाटशिला द्वारा किया जाता है. समिति के सदस्य से दूरभाष पर संपर्क कर बच्चों को हो रही समस्याओं के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कुछ भी नहीं पता. जो भी जवाब देना है विद्यालय के प्रधानाचार्य और छात्रावास प्रबंधक देंगे. जबकि विद्यालय के प्रधानाचार्य राधामोहन प्रसाद एवं छात्रावास प्रबंधक सुभाष चंद्र पाल ने बताया कि समिति द्वारा उन्हें पैसे मुहैया कराया नहीं जा रहा है. ना ही बच्चों के भोजन की सामग्री दी जा रही है. ऐसे में बच्चों को सूची के मुताबिक भोजन दे पाना संभव नहीं है.

खेत की मेड़ से विद्यालय जाते हैं बच्चे

अंधारिया आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास के बीच की दूरी लगभग 200 मीटर है. विद्यालय से छात्रावास तक जाने के लिए सड़क नहीं है. बीच में खेत है. खेत की मेड़ से होते हुए बच्चे आना-जाना करते हैं. बरसात में किसान कृषि कार्य भी शुरू कर देंगे. ऐसे में मेड़ से होकर स्कूल एवं छात्रावास आने जाने में बच्चों के गिरने पड़ने, कीड़े मकोड़े और सांपों के शिकार होने की संभावना भी बढ़ जाती है.

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