डुमरिया. डुमरिया प्रखंड के कई गांवों में इन दिनों चिकनपॉक्स फैला हुआ है. वहीं, ग्रामीण सीएचसी में इलाज नहीं कराना चाह रहे हैं. लोगों में मान्यता है कि यह दैवीय प्रकोप है. पांच दिनों के अंदर अपने आप ठीक हो जाता है. इसके लिए गांव में नियम बना हुआ है. जिन्हें चिकनपॉक्स होता है. उसे अलग से साफ सुथरे कमरे में रखा जाता है. उसे घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है. पूरी तरह शाकाहारी व बिना मसाले के भोजन परोसा जाता है. नारियल पानी, ईख का रस, हल्का भोजन दिया जाता है. कई लोग बिस्तर पर नीम का पत्ता बिछाकर उसके ऊपर सोते हैं. गांव में चिकन पॉक्स होता है, तो चिकित्सकों को जानकारी तक नहीं होती है. डुमरिया प्रखंड में चिकन पॉक्स फैलने की जानकारी मिलने पर सोमवार को सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल के निर्देश पर जिला सर्विलांस टीम मंदा, बेगनाडीह व कस्तूरबा बालिका उच्च विद्यालय में जाकर लोगों की जांच की. टीम ने 20-21 लोगों से संपर्क किया. इनमें से अधिकतर ठीक हो चुके हैं. 6-7 लोग ग्रसित पाये गये. डुमरिया प्रखंड के रांगामाटिया, हातीबारी, भालुकपातड़ा, बेगनाडीह आदि गांवों में चिकनपॉक्स आंशिक रूप से फैला है. इस मौसम में हर साल चिकनपॉक्स होता है. टीम में शामिल महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ असद, डॉ सुजीत झा, टेक्नीशियन अरुण कुमार, सुशील तिवारी और सुखराम महाली, आरती महतो ने लोगों की जांच की. टीम ने जांच के दौरान पाया कि दो दर्जन से ज्यादा लोग चिकनपॉक्स के चपेट में हैं. टीम के सदस्यों ने छह मरीजों की जांच के लिए नमूना लिया. वहीं, पूरे गांव का निरीक्षण कर उसकी जानकारी लेने के साथ लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया.
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