गालूडीह.
घाटशिला प्रखंड में इस वर्ष समय पर बेहतर बारिश होने से 10400 हेक्टेयर के निर्धारित लक्ष्य में 9083 हेक्टेयर में धान का बंपर उत्पादन हुआ है. अक्तूबर माह बीतने के साथ अब धान की फसल पकने लगी है. इससे दूर-दूर तक खेत सुनहरा रंग का दिख रहा है. इस दौरान किसानों ने कहा कि धान नहीं बाबू सोना है. इसी से सालभर जिंदगी कटती है. धान हम किसानों के लिए एटीएम से कम नहीं है. जब पैसों की जरूरत पड़ती है धान बेचकर अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं. किसान सभा के नेता दुलाल चंद्र हांसदा कहते हैं इस बार समय पर जरूरत के हिसाब से बारिश होने से धान की बंपर खेती हुई है. धान पकने और कटने तक मौसम साथ रहा तो इस बार किसानों के लिए यह धान सोने से कम नहीं होगा. इन दिनों बाजार में सोने की कीमत में तेजी है. इस बार कोई खेत खाली नहीं रहा. निचली, मध्यम और ऊपरी जमीन पर किसानों ने धान की खेती की है. निचली जमीन की धान पकने लगी है. कुछ में बालियां लग गयी हैं. किसानों ने कहा कि अब बारिश की जरूरत नहीं है. धान काटने के बाद अगर बारिश हुई तो बर्बादी होगी.लैंपसों में धान बेचने पर एकमुश्त राशि मिलेगी
दुलाल चंद्र हांसदा ने बताया कि इस वर्ष राज्य सरकार ने लैंपसों में धान बेचने पर किसानों को एकमुश्त भुगतान की घोषणा की है. यह बहुत अच्छी पहल है. पहले धान बेचने पर 50 प्रतिशत राशि दे दी जाती थी और 50 प्रतिशत राशि भुगतान में कई माह और साल बीत जाते थे. इससे किसान लैंपसों में धान बेचने से कतराते थे. अब एकमुश्त पैसा मिलने से किसान लैंपस में ही धान बचेंगे. पिछले साल 2300 रुपये प्रति क्विंटल दाम मिला था. इस बार भी 15 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने की उम्मीद है. इससे किसान मकर संक्रांति के पूर्व धान बेच सकेंगे और पूरा पैसा भी पा सकेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

