घाटशिला. घाटशिला के पूर्व विधायक रामदास सोरेन ने उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री और बाद में स्कूली शिक्षा मंत्री रहते हुए जनजातीय समाज के शैक्षणिक विकास के लिए कई अहम कदम उठाये. खास कर पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय के लिए वर्ष 2021 से सदन से लेकर सड़क तक काम किया. घाटशिला के हेंदलजुड़ी स्थित डांगाटांड़ में 36 एकड़ सरकारी जमीन उपलब्ध करायी. अब ट्राइबल विवि को आकार देकर सरकार रामदास सोरेन को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकती है. वे ट्राइबल विवि के लिए कई साल तक लगे रहे. पहली बार 21 दिसंबर 2021 को हेंदलजुड़ी में कई गांवों के ग्राम प्रधानों और ग्रामीणों के साथ ग्रामसभा की. ग्रामसभा ने हेंदलजुड़ी में ट्राइबल विवि निर्माण के लिए सहमति पत्र सौंपा, जिसे रामदास सोरेन ने सीएम हेमंत सोरेन को सौंपा. उनके साथ कई ग्राम प्रधान भी सीएम से मिले और सहमति जतायी.
हालांकि, इसके पहले हेमंत सोरेन सरकार ने पूर्वी सिंहभूम में पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विवि निर्माण कैबिनेट से पारित कर दिया था. शुरुआत में जमशेदपुर के किसी कॉलेज में इसे चलाने का निर्णय लिया गया. इस दौरान विधायक रहते रामदास सोरेन ने अपने क्षेत्र घाटशिला के हेंदलजुड़ी में सरकारी जमीन को चिह्नित किया, जो हाइवे से महज चार किमी की दूरी पर है. 13 अक्तूबर, 2022 को विधायक रामदास सोरेन की मौजूदगी में अंचल की टीम ने 36 एकड़ जमीन की मापी की. ट्राइबल विवि के लिए 25 एकड़ जमीन की जरूरत है. इसी जगह पांच एकड़ में ट्राइबल म्यूजियम बनाने की स्वीकृति मिली है.18 जुलाई को टीम ने निरीक्षण कर जमीन को बताया उपयुक्त
रामदास सोरेन की पहल पर 18 जुलाई 2025 को चिह्नित भूमि का रांची की टीम ने निरीक्षण कर उपयुक्त बताया. टीम में तकनीकी शिक्षा निदेशक सुनील कुमार, उच्च तकनीक शिक्षा अवर सचिव सुधीर कुमार, एसडीओ सुनील चंद्र, सीओ निशांत अंबर शामिल थे.कुछ लोगों ने विरोध किया, तो पूरा गांव समर्थन में खड़ा हुआ
ट्राइबल विवि के लिए चिह्नित जमीन के कुछ हिस्से को गोट पूजा स्थल बताकर कुछ लोगों ने विरोध जताया. इसके बाद हेंदलजुड़ी पंचायत समेत अन्य गांवों के ग्रामीण समर्थन में खड़े हो गये. 12 मई, 2025 को जुलूस निकाला. जनजातीय विवि निर्माण के पक्ष में नारे लगाये. तब रामदास सोरेन ने कहा, यह देख संतोष हुआ कि आज जनजातीय समाज जागरूक हुआ है. अपने शिक्षा और समाज के उत्थान के लिए सड़क पर उतरा. ट्राइबल विवि के लिए गांव के दुलाल चद्र हांसदा ने काफी मेहनत की. उन्होंने बताया कि रामदास बाबू के प्रयास से हेंदलजुड़ी के डांगाटांड़ में ट्राइबल विवि निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है. अब राज्य सरकार इसे आकार देकर रामदास दा को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकती है. यह उनका सपना था, जो साकार होने से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

